पुरी में 14 दिसंबर से शुरू हो रहा है मैरीन ड्राइव इको रिट्रीट, जहां घूमने के साथ लें उत्सव का भी मजा

पुरी में 14 दिसंबर से 14 जनवरी 2020 तक मैरीन ड्राइव इको रिट्रीट का आयोजन होने जा रहा है। जिसमें शामिल होकर आप कर सकते हैं भरपूर एन्जॉय। जानेंगे यहां की मशहूर जगहों के बारे में...

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 10:29 AM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 10:29 AM (IST)
पुरी में 14 दिसंबर से शुरू हो रहा है मैरीन ड्राइव इको रिट्रीट, जहां घूमने के साथ लें उत्सव का भी मजा
पुरी में 14 दिसंबर से शुरू हो रहा है मैरीन ड्राइव इको रिट्रीट, जहां घूमने के साथ लें उत्सव का भी मजा

पुरी शहर का नाम सुनते ही आपका ध्यान किस ओर जाता है? संभवत: आप भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का जिक्र करेंगे, पर यहां दाखिल होने के बाद आप पाएंगे कि इस शहर का कैनवस बहुत विशाल है। जहां आंख झपकते ही गायब हो जाने वाली समंदर की लहरें हैं तो शहर की इतराती-बलखाती साफ-सुथरी सड़कों का आकर्षण है। आप साइकिल प्रेमी हैं या फिर कार सवारी के शौकीन या फिर पैदल चलना आपको पसंद है, जो भी हो, पुरी शहर की सड़कों का जादू आपको लुभा लेगा। यहां पुरी से कोणार्क तक शानदार मैरीन ड्राइव का जिक्र करना जरूरी है, जो यहां के पर्यटन का एक अलग लुत्फ देता है।

आप देश की सांस्कृतिक विरासत के मुरीद हैं तो भी पुरी आपको खूब भाएगा। हस्तशिल्प की धरोहरों को आप यहां के ग्रामीण जीवन की सैर कर जीवंत रूप में देख सकते हैं। पुरी शहर के आसपास स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों, जैसे-राजधानी भुवनेश्र्वर और कोणार्क जाकर पुरी शहर के विस्तार को बखूबी समझ सकते हैं।

गली-गली मंदिरों के दर्शन

श्रीक्षेत्र धाम भी कहलाता है यह शहर, जहां मंदिर ही मंदिर नजर आते हैं। जगन्नाथ पुरी ही नहीं, भुवनेश्र्वर में ऐतिहासिक महाप्रभु लिंगराज मंदिर से लेकर भव्य श्रीराम मंदिर, राजारानी मंदिर, इस्कान मंदिर आदि प्रमुख मंदिरों के साथ हजारों की संख्या में हर गली में आपको मंदिर दिखेंगे।पुरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ मंदिर के साथ मौसी मां मंदिर, अलारनाथ मंदिर के साथ सैकड़ों की संख्या में पुरातन मठ हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।हिंदू मान्यता के अनुसार, पुरी भारत के सात सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। भुवनेश्र्वर से लगभग 10 किमी. की दूरी पर मौजूद धउलीगिरि मंदिर है, जहां पर सम्राट अशोक, चंडाशोक से धर्माशोक बने थे।

रघुराजपुर- भारत की सांस्कृतिक राजधानी

हेरिटेज क्राफ्ट विलेज रघुराजपुर राज्य की खास धरोहर है। यह पुरी से 12 किमी. दूर स्थित है। पट्टचित्र यानी कपड़े पर कलाकारी का काम होता है यहां। यह कलाकारी भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों के अलावा प्राचीन संस्कृति से जुड़ी है। यह एक विलक्षण गांव है, जहां कुछ घरों में कलाकार इस काम में तल्लीन नजर आते हें। रघुराजपुर को भारत की सांस्कृतिक राजधानी कहा जा सकता है।

मैरीन ड्राइव इको रिट्रीट

ओडिशा सरकार द्वारा मैरीन ड्राइव पर आयोजित होने वाले इस उत्सव में आप विभिन्न सांस्कृतिक आयोजनों के अलावा, फूड फेस्टिवल, वाटर स्पोर्ट्स व एडवेंचर स्पोर्ट्स का भी लुत्फ ले सकते हैं। इसके लिए यहां पर बसाया जा रहे हैं शानदार टेंट कॉटेज भी, जिनमें लगभग पचास कमरे तैयार किए जाएंगे।

कैसे और कब जाएं

केवल बारिश के महीनों को छोड़कर यहां साल भर पर्यटकों के आगमन के लिए अनुकूल मौसम रहता है। यह प्रदेश सड़क, रेल एवं हवाई मार्ग से बेहतर जुड़ा हुआ है। प्रमुख हवाई अड्डा राजधानी भुवनेश्र्वर में है, जो कि श्रीक्षेत्र धाम पुरी एवं अन्य तमाम तीर्थ स्थलों व पर्यटनो स्थलों के केंद्र में है। रेल मार्ग के जरिए पर्यटक भुवनेश्र्वर एवं पुरी दोनों ही शहरों में मौजूद पर्यटन स्थल के लिए आसानी से आवागमन कर सकते हैं।

शेषनाथ राय

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