अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जहां पीएम मोदी ने किया योग, इस वजह से दुनिया में है मशहूर
एफआरआई (FRI) की पहचान देहरादून ही नहीं, बल्कि पूरे देश में है।
21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के अवसर पर पीएम मोदी 50 हजार से ज्यादा योग प्रतिभागियों के साथ देहरादून की ऐतिहासिक बिल्डिंग, ‘एफआरआई’ में योग किया। करीब 8 बजे शुरू हुए इस योग कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने वहां आए लोगों से मुलाकात की। चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का गवाह बनी ‘एफआरआई’ बिल्डिंग कई और मामलों में खास है। आइए, जानते हैं इस ऐतिहासिक बिल्डिंग से जुड़ी हुई खास बातें।
450 हेक्टेयर में फैली है 1906 में बनी ये बिल्डिंग
एफआरआई (FRI) की पहचान देहरादून ही नहीं, बल्कि पूरे देश में है। 1906 में एफआरआई की स्थापना इम्पीरियल फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट के रूप में की गई थी। इस बिल्डिंग के निर्माण में रोम और ग्रीक वास्तुकला का बखूबी इस्तेमाल किया गया है। इसके निर्माण में स्थानीय चूना पत्थर, उड़द की दाल के मिश्रण से तैयार किया गया है। बिल्डिंग का डिजाइन विलियम लुटियंस ने तैयार किया था।
एशिया के सबसे अच्छा वानिकी शोध संस्थान के लिए मशहूर
करीब 450 हेक्टेयर में फैले एफआरआई बिल्डिंग की पूरे विश्व में अलग पहचान है। यहां कई और भी संस्थान हैं, जिसमें इंदिरा गांधी वन प्रशिक्षण अकादमी, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद प्रमुख है। एफआरआई एशिया का सर्वश्रेष्ठ वानिकी शोध संस्थान है। एफआरआई में 7 म्यूजियम हैं, जिसमें कई देशों की विभिन्न प्रजातियों के पेड़ रखे गए हैं।
कई फिल्मों और टीवी सीरियल्स की हो चुकी है शूटिंग
किसी खास जगह के बारे में बात हो और बॉलीवुड फिल्मों की बात न हो ऐसे कैसे हो सकता है। यहां कई बड़े फिल्म निर्माता एफआरआई कैंपस में फिल्म की शूटिंग कर चुके हैं। जैसे स्टूडेंट ऑफ द ईयर, पान सिंह तोमर, रहना है तेरे दिल में, कृष्णा कॉटेज, अरमान, घर का चिराग जैसी बड़ी फिल्में एफआरआई में शूट हो चुकी हैं। इसके अलावा भी यहां कई टीवी शो की शूटिंग की गई है। जिनमें पहरेदार पिया की, ये रिश्ता क्या कहलाता है, जिया जले, दुल्हन जैसे शो शामिल हैं।
योग दिवस के कार्यक्रम के लिए बढ़ा दी गई है सुरक्षा
योग दिवस के अवसर पर पीएम मोदी के मौजूद होने के चलते एफआरआई बिल्डिंग में बाहरी लोगों की आवाजाही रोक दी गई थी।19 जून से ही अंदर आने पर रोक लगी हुई थी। जो अधिकारी कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हैं, केवल उन्हें आने-जाने की अनुमति दी जा रही थी। वहीं वन अनुसंधान विभाग को भी बंद कर दिया गया था।