ट्रैवल न्यूज : घर बैठे मंगवा सकते हैं ट्रेन की टिकट, ऐसे करनी होगी बुकिंग
इसमें यूजर को बुकिंग के समय अपना पेन कार्ड देना होता है.
होली आने में ज्यादा वक्त नहीं बचा. ऐसे में घर से बाहर दूसरे शहर में रहने वाले लोग ट्रेन की टिकट बुक करने में लगे हुए हैं. होली और दीवाली के समय ट्रेन की टिकट मिलना किसी जंग को जीतने से कम नहीं है. कई बार तो ऐसा होता है कि आपकी टिकट बुक होने के बाद भी आपको कई तरह की असुविधा का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब भारतीय रेलवे यात्रियों के लिए एक नई सुविधा लेकर आ रही है. ऐसी सुविधा जिसे सुनकर आपको हैरानी होगी. इस नई सुविधा के तहत आप घर बैठे टिकट मंगवा सकते हैं. ठीक वैसे ही जैसे आप कैश ऑन डिलीवरी पर किसी ऑनलाइन शॉपिंग साइट से सामान मंगवाते हैं.
ऐसे उठा सकते हैं सुविधा का फायदा
इस सुविधा का फायदा केवल वही कस्टमर उठा सकते हैं, जिनका IRCTC पर अकाउंट है. यूजर को खुद को वेलिडेट करना होगा. वेलिडेट करने के लिए यूजर को irctc की वेबसाइट irctc.payondelivery.co.in पर जाना होगा. यहां irctc की यूजर आईडी डालना होगी. irctc में रजिस्टर्ड ईमेल आईडी डालना होगा. रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालना होगा. इसके बाद वेलिडेट पर क्लिक करना होगा. आईआरसीटीसी के ऐप bookmytrain.com को आप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. यहां टिकट बुक करने की पूरी प्रॉसेस भी दी गई है.
इन शहरों को मिलेगी सुविधाएं
विजयवाड़ा, दिल्ली, बेंगलुरू, जयपुर, हैदराबाद, भोपाल, चेन्नई, मुंबई, देहरादून, कोलकाता, चंडीगढ़, शिमला, गांधीनगर, रायपुर सहित कई शहरों में आईआरसीटीसी की यह सुविधा उपलब्ध है. रेलवे की योजना 600 शहरों में यह सुविधा उपलब्ध करवाने की है, अभी 200 शहरों में ही यह सुविधा उपलब्ध हो पाई है.
बुकिंग से पहले जान लें ये खास बातें
रेलवे इस सर्विस को 600 शहरों में उपलब्ध करवाना चाहता है, अभी 200 शहरों में यह सर्विस उपलब्ध करवाई जा रही है.
इसमें यूजर को बुकिंग के समय अपना पेन कार्ड देना होता है.
रेलवे का दावा है कि डिलिवरी 72 घंटों में हो जाती है.
डिलिवर बुकिंग में दिए गए एड्रेस पर ही होती है.
यदि कस्टमर डिलिवरी के पहले टिकट कैंसल करता है तो उसे कैंसिलेशन और डिलिवरी चार्जेस देना होते हैं.
यदि कोई कस्टमर बुकिंग/ कैंसिलेशन चार्जेस नहीं देता है तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा सकता है और ऐसे कस्टमर की आईडी को भी डीएक्टिवेट कर दिया जाता है.
कैंसिलेशन के केस में रिफंड सीधे यूजर के बैंक अकाउंट में आता है.