क्यों न आपका टेरेस भी हो हरा-भरा, लगाएं ये पौधे और बढ़ाएं खूबसूरती भी

शहरों में आजकल पेड़-पौधे लगाने के लिए जगह की कमी तो होती ही है। इस कमी को पूरा कर रहे हैं टेरेस गार्डेन।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Sat, 18 Mar 2017 11:35 AM (IST) Updated:Thu, 23 Mar 2017 12:23 PM (IST)
क्यों न आपका टेरेस भी हो हरा-भरा, लगाएं ये पौधे और बढ़ाएं खूबसूरती भी
क्यों न आपका टेरेस भी हो हरा-भरा, लगाएं ये पौधे और बढ़ाएं खूबसूरती भी

पौधों का चयन
-टेरेस गार्डेन में बड़े आकार के कुछ पौधे लगाकर इसकी खूबसूरती और निखारी जा सकती है। बड़े पौधों में प्रमुख ये हैं गुलाचीन, फाइकस, टिकोमा, बॉटलब्रश, कचनार की कुछ प्रजातियां आदि।  
-टेरेस में अगर फलदार पौधे लगे हों तो फिर कहना ही क्या...। इनमें प्रमुख हैं आम की एक प्रजाति आम्रपाली, अमरूद, संतरा, चीकू, नींबू, किन्नो, शहतूत, कमरख, पपीता आदि।  
-कई लोगों को हब्र्स उगाना अच्छा लगता है। आप टेरेस पर पुदीना, तेजपत्ता, दालचीनी, बेसिल, पार्सले, स्टीविया, एलोवेरा, अजवाइन आदि उगा सकते हैं।
-टेरेस में खिले हुए गुलाब हर किसी का मन मोह लेते हैं। गुलाब की कई प्रजातियां लगाई जा सकती हैं। ’ टेरेस पर उगी हुई सब्जियों का स्वाद आपके टेस्ट को बदल देगा।
-टेरेस पर आजकल लगाई जाने वाली सब्जियां हैं बैंगन, भिंडी, पालक, टमाटर, लौकी, तरोई, करेला, बीन्स, लोबिया, ककड़ी, खीरा, खरबूजा आदि।  
-टेरेस में स्थाई तौर पर फूलों के पौधे भी लगाए जा सकते हैं, जैसे गुड़हल, चंपा, चमेली, हेमिलिया, कैसिया बाई फ्लोरा, निक्टा, हरसिंगार, रात की रानी, एग्जोरा आदि। 
-टेरेस में बल्ब भी लगाए जा सकते हैं। इनमें प्रमुख हैं ग्लैडियोलस और रजनीगंधा। 
-टेरेस में फैली हुई क्रिपर्स बहुत खूबसूरत लगती हैं। इनमें प्रमुख हैं जूही, मधुमालती, बोगेनवेलिया, राखीबेल, बिगोनिया विनेस्टा आदि। 
-टेरेस में सजावटी पौधे भी बहुत खूबसूरत दिखाई देते हैं जैसे साइकस, फरकेरिया, नोलिना आदि। 
-यहां पर अगर पाम न लगा हो तो आपका टेरेस सूना सा लगेगा। फोनिक्स पाम, राबिस पाम, डेट पाम, केंटिया पाम, पिग्मी पाम। अगर छाया है तो एरिका पाम लगा सकती हैं।  
-जिन पौधों को कटाई-छंटाई की जरूरत होती है उनकी समय-समय पर कटाई-छंटाई अवश्य करें। इससे पौधों की सही आकार में बढ़त होती है। साथ ही पौधों को टेरेस के अनुरूप बनाए रहें अर्थात देखने में ये खराब न लगें।

गर्मियों के सीजनल पौधे - कूचिया,  पोर्टुलाका, सनफ्लावर, जीनिया, लिसिएंथस आदि...

-महेश विश्नोई लेखक सीनियर हॉर्टीकल्चरिस्ट व लैंडस्केपिस्ट हैं

यह भी पढ़ें : ‘रॉ स्ट्रक्चरिंग’ बन रहा है लेटेस्ट इंटीरियर ट्रेंड

chat bot
आपका साथी