दूसरों से खुद की तुलना करना छोड़ें, यू बढ़ाएं अपना आत्म-सम्मान
हो सकता है दूसरे हमसे ज़्यादा सेहतमंद हों या उनके पास हमसे अच्छी नौकरी हो। वे हमसे ज़्यादा कामयाब हों या उनके दोस्तों का दायरा हमसे बड़ा हो।
नई दिल्ली, जेएनएन। Stop Comparing Yourself With Others: हममें से 99 प्रतिशत लोग एक ऐसे इंसान से ज़रूर मिले होंगे जो किसी-न-किसी तरह हमसे बेहतर हो। जैसे खूबसूरती में, दिमाग़ से या स्कूल की पढ़ाई में। शायद वह हमसे ज़्यादा लोगों का चहेता हो। हो सकता है, दूसरे हमसे ज़्यादा सेहतमंद हों या उनके पास हमसे अच्छी नौकरी हो। वे हमसे ज़्यादा कामयाब हों या उनके दोस्तों का दायरा हमसे बड़ा हो। शायद उनके पास ज़्यादा साज़ो-सामान और पैसे हों, एकदम नए मॉडल की गाड़ी हो या कुछ नहीं तो वे हमसे ज़्यादा खुश नज़र आते हों।
क्या इन सारी बातों में हम अपनी बराबरी दूसरों से करते हैं? खुद को, अपनी तुलना दूसरों से करने से रोकना मुशकिल है, आजकल हर किसी को परफेक्ट बनना है। अपनी तुलना दूसरों के साथ करना, बहुत आम बात है और इनसे जलन का अनुभव होना भी सामान्य गुण है। लेकिन जब आप अपनी सक्षमताओं के बारे में सोचे बिना सिर्फ़ अपनी कमियों को सोच कर परेशान होते हैं, तो आप ग़लत रास्ते पर जा रहे हैं। अगर हम अपनी उपलब्धियों और दक्षता को जांचना शुरू कर देते हैं, तो हम सच में आगे बढ़ सकते हैं।
खुद को अपनी नज़रों से देख कर ही आप अपनी तुलना करने की लत से छुटकारा पा सकते हैं। अपने लिए कुछ ऐसे लक्ष्य निर्धारित करें, जिन से आप का आत्म-सम्मान बढ़े और अपने बारे में विचारों को अच्छा करने के तरीकों को सीखें।
1. आप के पास जो कुछ भी है उसकी सराहना करें
आपको पास जो चीज़ें मौजूद हैं अगर आप उनकी सराहना करेंगे, उनसे खुश होंगे, तो आप अपना ध्यान अन्य लोगों पर से हटाकर खुद पर केंद्रित कर पाएंगे। अपना ज़्यादा से ज़्यादा समय अपने पास की कुछ सकारात्मक और अच्छी चीज़ों के बारे में सोचने पर लगाएं। आप को खुद ही इस बात का अनुभव होने लगेगा कि आप का ध्यान अन्य लोगों से हटकर आप पर ही केंद्रित हो रहा है।
2. आपने जो कुछ हासिल किया है उसकी लिस्ट बनाएं
हासिल की गई चीज़ों की लिस्ट बनाना अपने आपको यह याद दिलाने का अच्छा तरीका है कि आप के पास क्या-क्या है। यह आप का ध्यान उन सारी बातों पर लगाने में मदद करेगा, जिन्हें आप कब का भूल चुके हैं। अब आप इस की सराहना भी कर पाएंगे। अपनी कुछ सबसे अच्छी यादों के बारे में सोचें।
3. अपने लिए सख्त न बनें
अगर आप अपने लिए दयालु और कम कठोर बनेंगे तो आगे बढ़ने सकेंगे और आपको कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा भी मिलेगी।
4. समझें कि आप ही अपने जीवन के सारे निर्णय लेते हैं
दूसरों से तुलना करने से खुद को रोकना मुश्किल है। आप अपने जीवन को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं, ये सारे विकल्प आप ही तय करते हैं। आप ही अपने जीवन के सारे निर्णय लेते हैं और ये सब आप अपने लिए करते हैं ना कि किसी और के लिए। बाकी लोगों के पास क्या है और क्या नहीं है, यह मायने नहीं रखता। यदि आप की ज़िंदगी में कुछ मायने रखता है तो वो आप खुद हैं।