Ramzan 2020 Do's & Dont's: रोज़ा रखते वक्त इन चीज़ों का ख्याल रखना है बेहद ज़रूरी!

Ramzan 2020 Dos Donts असल में रमज़ान का महीना खुद पर कंट्रोल करना बुराई को हराना गरीबों के दर्द को महसूस करना उनकी मदद करना और खुद को एक अच्छा इंसान बनाना सिखाता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Wed, 22 Apr 2020 04:53 PM (IST) Updated:Sat, 25 Apr 2020 08:48 AM (IST)
Ramzan 2020 Do's & Dont's: रोज़ा रखते वक्त इन चीज़ों का ख्याल रखना है बेहद ज़रूरी!
Ramzan 2020 Do's & Dont's: रोज़ा रखते वक्त इन चीज़ों का ख्याल रखना है बेहद ज़रूरी!

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Ramzan 2020 Do's & Dont's: रमज़ान का महीना शुरू होते ही सभी के दिमाग़ में कई सवाल आते हैं, जैसे पूरा दिन बिना खाए-पिए कैसे रह सकते हैं या फिर इफ्तार में क्या-क्या खाया जा सकता है। साथ ही सोशल मीडिया से लेकर व्हाट्सप्प तक, हर जगह खजूर, खीर, शरबत और फलों की तस्वीरें शेयर होने लगती है। जैसे रमज़ान भूखे रहने या खाने का महीना है।

असल में रमज़ान सिर्फ भूखे रहने का नाम ही नहीं है बल्कि रमज़ान का महीना खुद पर कंट्रोल करना, बुराई को हराना, गरीबों के दर्द को महसूस करना, उनकी मदद करना और खुद को एक अच्छा इंसान बनाना सिखाता है। वो कहते हैं ना, ना बुरा देखो, ना बुरा सुनो और ना बुरा बोलो। बस यही ही रमज़ान।

रमज़ान शुरू हो गए हैं, जो चांद दिखने के बाद से रोज़े रखने की परंपरा है। आने वाले एक महीने में मुस्लिम समुदाय रोज़े रखकर अल्‍लाह की इबादत करेगा। रमज़ान के पूरे महीने कुछ खास बातों का ध्‍यान रखना ज़रूरी है। आइए जानते हैं कि रमज़ानों में क्या करना चाहिए और क्या बिलकुल नहीं: 

क्या ज़रूर करना चाहिए

जितना ज़्यादा हो सके अल्लाह को याद करें। नमाज़ और क़ुरान पढ़ें, क्योंकि इस महीने में जो इबादत की जाती है, आम दिनों के मुकाबले ज़्यादा बरकत देती है। रमज़ान का महीना शुरू होने से पहले ही पूरे महीने की ज़रूरत का सामान खरीद लें, ताकि आपको रोज़े की हालत में बाहर ना भटकना पड़े और आप ज़्यादा से ज़्यादा वक्‍त इबादत में बिता सकें। रमज़ान के महीने में इफ्तार के बाद ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीएं। दिनभर के रोज़े के बाद शरीर में पानी की काफी कमी हो जाती है।  इफ्तार की शुरुआत हल्‍के खाने से करें। खजूर से इफ्तार करना बेहतर माना गया है। इफ्तार में पानी, सलाद, फल, जूस और सूप ज़्यादा खाएं और पीएं। इससे शरीर में पानी की कमी पूरी होगी। सहरी में ज़्यादा तला, मसालेदार, मीठा खाना न खाएं, क्‍यूंकि ऐसे खाने से प्‍यास ज़्यादा लगती है। सहरी में ओटमील, दूध, ब्रेड और फल सेहत के लिए बेहतर होता है। एक दूसरे की मदद करें। ज़कात यानी ग़रीबों को ज़्यादा से ज़्यादा दान करें। रोज़ेदारों को इफ्तार कराएं।

रमज़ानों में क्या न करें रोज़े की सबसे पहली शर्त है भूखे रहना। मतलब सुबह जब सबसे पहली अज़ान होती है उस वक्त से लेकर शाम में सूरज डूबने तक कुछ भी नहीं खाना है ना ही पीना है। कुछ नहीं मतलब कुछ भी नहीं। सिगरेट, जूस, चाय, पानी कुछ भी नहीं। इस्लाम में शराब हराम है, मतलब शराब पीना गुनाह माना जाता है, इसलिए रोज़े के दौरान भी शराब पीने की एकदम मनाही है। दूसरों की बुराई या झूठ बिलकुल भी ना बोलें। लड़ाई, झगड़ा, गाली देना इन सब चीज़ों से रोज़ा टूट जाता है। शारीरिक संबंध बनाना भी मना है। किसी भी औरत या मर्द को ग़लत नज़र से देखना भी मना। जानबूझ कर उल्टी करने से भी रोज़ा टूट जाता है।

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