आपके घर को सजाने में काम आएंगी ये छोटी लेकिन जरूरी बातें

घर का इंटीरियर कराते वक्त मन में तरह-तरह के सवाल आते हैं लेकिन सही जवाब पता न होने की वजह से घर सपनों के आशियाने में बदल नहीं हो पाता। तो ऐसे ही सवालों के जवाब जानें यहां।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Thu, 26 Sep 2019 08:41 AM (IST) Updated:Thu, 26 Sep 2019 08:41 AM (IST)
आपके घर को सजाने में काम आएंगी ये छोटी लेकिन जरूरी बातें
आपके घर को सजाने में काम आएंगी ये छोटी लेकिन जरूरी बातें

घर का इंटीरियर ट्रेंडी होना चाहिए या सदाबहार, कमरे में हर चीज़ मैचिंग-मैचिंग होनी चाहिए या कुछ अलग, महंगी चीज़ों से घर सुंदर लगता है या बजट डेकोर आइटम्स बढ़ाते हैं घर की आभा... घर सजाते समय अकसर मन में इस तरह की बातें आती हैं। आमतौर पर इनके जवाब या तो मिलते नहीं या जब मिलते हैं तो देर हो चुकी होती है। घर का इंटीरियर बदलते समय आपके मन में कोई उलझन न रहे, इसलिए ध्यान दें इन जरूरी बातों पर... 

सफेद रंग की दीवारों वाला कमरा बड़ा लगता है?

दीवारों का रंग व्हाइट या लाइट होने पर कमरा बड़ा दिखता है, इसमें कोई संदेह नहीं है। लेकिन अगर कमरे की सीलिंग औसत से ऊंची है तो सफेद रंग की दीवारों वाला कमरा हॉल जैसा लुक देता है। इसलिए सीलिंग ऊंची होने पर दीवारों के लिए व्हाइट कलर नहीं चुनना चाहिए, फिर भले ही कमरा छोटा क्यों न हो। दरअसल ऊंची सीलिंग और व्हाइट कलर की दीवारों वाले कमरे खाली-खाली नज़र आते हैं। कमरे का पेंट नहीं बदल पाने की स्थिति में दीवारों को अलग रंग के वॉल पेपर या वॉल डिस्प्ले के साथ मेल किया जाता है।

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सीलिंग का रंग सफेद ही होना चाहिए?

सीलिंग का रंग दीवारों के रंग से हल्का होना चाहिए क्योंकि सीलिंग डार्क होने पर व्यक्ति की नज़र उसी पर टिकी रहती है, फर्श या अन्य कलात्मक चीज़ों की ओर ध्यान नहीं जाता। चाहें तो बड़े कमरे की सीलिंग डार्क रख सकते हैं लेकिन डार्कनेस दीवारों के रंग से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। छोटे कमरे में लाइट या व्हाइट सीलिंग रखनी चाहिए, इससे कमरा प्रपोर्शनेट दिखता है।

फर्नीचर किस साइज़ का होना चाहिए?

छोटे कमरे में ओवर साइज़ फर्नीचर खराब लगता है और उसकी वजह से चलने-फिरने में भी दिक्कत हो सकती है। इसलिए फर्नीचर हमेशा कमरे के साइज़ के मुताबिक होना चाहिए। कमरा अगर छोटा है तो एक-दो आर्ट पीसेज़ लगा सकते हैं। इससे कमरे के साइज़ की जगह आर्ट पीसेज़ की ओर ध्यान जाएगा।

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इंटीरियर ट्रेंडी होना चाहिए या सदाबहार?

इंटीरियर हमेशा फंक्शनल होना चाहिए। स्टाइल या ट्रेंड के चक्कर में कोई ऐसी चीज़ नहीं चुननी चाहिए जिससे सिर्फ जगह की बर्बादी हो। जैसे मुंबई-चेन्नई जैसी जगह पर फायर प्लेस लगाना जगह की बर्बादी होगी क्योंकि वहां ठंड नहीं पड़ती। इंटीरियर घर को सुंदर लुक देने के साथ-साथ जगह की बर्बादी रोकने वाला होना चाहिए। 

हर चीज़ मैचिंग-मैचिंग होनी ज़रूरी है?

पहले फर्नीचर, पर्दे, दीवारों की मैंचिंग पर ज़ोर दिया जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। इन दिनों किसी एक खास चीज़ के ज़रिए एकरसता खत्म करने पर ज़ोर दिया जाता है। जैसे अगर आपके घर का फर्नीचर, दीवार और पर्दों का रंग मेल खाता है तो सोफे पर अलग रंग के कुशंस लगा कर घर को डिफरेंट लुक दिया जाता है। इसे चुनने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि दीवार पर थोड़े अलग रंग के आर्ट पीस लगाएं और उसी से मेल खाते कुशंस सोफे पर रखें।

लग्ज़री इंटीरियर या बजट डेकोर?

यूं तो बजट के मुताबिक इंटीरियर सबसे अच्छा माना जाता है लेकिन फिर भी कुछ चीज़ों पर थोड़ा ज़्यादा खर्च करना समझदारी है। जैसे घर में स्थायी रूप से रहने वाली चीज़ों, फर्नीचर आदि पर ज़्यादा खर्च करने से हिचकिचाना नहीं चाहिए। हां, साल दो साल में बदली जाने वाली चीज़ें जैसे रग्स, पर्दे, कुशन, अपहोलस्ट्री पर जेब के मुताबिक खर्च कर सकते हैं।

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विंटेज पीसेज़ लगाने का फंडा क्या है? 

कोई भी डिस्प्ले पीछे लगाने से पहले घर का डिज़ाइन स्टाइल समझना ज़रूरी है। मॉडर्न स्टाइल इंटीरियर वाले घर में विंटेज पीसेज़ अच्छे नहीं लगते, वहीं ट्रेडिशनल स्टाइल इंटीरियर में ट्रडिशनल चांदी के वास या इस तरह की चीज़ें अच्छी लगती हैं। विंटेज पीसेज़ को हमेशा विंटेज या रस्टिक डिज़ाइन स्टाइल के इंटीरियर्स के साथ ही लगाना चाहिए या फिर अगर घर का कोई खास कोना या हिस्सा ऐसा है, जैसे बार या फिर स्टडी, वहां आप कोई अच्छा विंटेज पीस लगा सकते हैं ।

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