'एंटी-मैटर' से बनेगा पावरफुल कंप्यूटर

दोस्तो, आप किसी मैटर और उसके पार्टिकल यानी कण के बारे में तो जानते ही होंगे, लेकिन इस बार हम आपको एंटी-मैटर के बारे में बता हैं। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के कुछ फिजिसिस्ट ने दशकों की रिसर्च के बाद हाल ही में इस खास पार्टिकल की खोज की है, जो मैटर

By deepali groverEdited By: Publish:Fri, 28 Nov 2014 11:44 AM (IST) Updated:Fri, 28 Nov 2014 01:01 PM (IST)
'एंटी-मैटर' से बनेगा पावरफुल कंप्यूटर

दोस्तो, आप किसी मैटर और उसके पार्टिकल यानी कण के बारे में तो जानते ही होंगे, लेकिन इस बार हम आपको एंटी-मैटर के बारे में बता हैं। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के कुछ फिजिसिस्ट ने दशकों की रिसर्च के बाद हाल ही में इस खास पार्टिकल की खोज की है, जो मैटर और एंटी-मैटर दोनों की तरह व्यवहार करता है। इसे पार्टिकल फिजिक्स की एक बड़ी खोज माना जा रहा है। इससे पावरफुल क्वांटम कंप्यूटर बनाए जा सकते हैं। असल में बीसवीं सदी की शुरुआत में क्वांटम थ्योरी सामने आई थी, जिसमें वैज्ञानिकों ने यह अनुमान लगाया था कि इलेक्ट्रॉन जैसे ज्यादातर कॉमन पार्टिकल के साथ एक रहस्यमय 'एंटी-मैटर' काउंटरपार्ट होते हैं, जिनका मास समान होता है और वे समान अपोजिट चार्ज रखते हैं।

वैज्ञानिकों का यह भी मानना था कि यदि कोई पार्टिकल किसी 'एंटीपार्टिकल' के कॉन्टैक्ट में आए तो दोनों एक-दूसरे से मिलकर नष्ट हो जाएंगे। लेकिन सबसे पहले 1937 में इटली के फिजिसिस्ट एटोरे मैजोरना ने यह परिकल्पना की थी कि एक पार्टिकल खुद के एंटी-मैटर पार्टिकल की तरह व्यवहार कर सकता है, जिसे मैजोरना फर्मियन नाम दिया गया।

तभी से वैज्ञानिक इसकी तलाश कर रहे थे। नए प्रयोग में रिसर्चर ने एक पतले, लंबे, प्योर मैग्नेटिक आयरन एटम की चेन को लेड से बने एक सुपर कंडक्टर के ऊपर रखा। इसके बाद इसको माइनस 457 डिग्री फॉरेनहाइट तक कूल किया गया। इसके बाद आयरन वायर पर एक इलेक्ट्रिकली नेचुरल सिग्नल पाया गया, जिसे 'मैजोरना फर्मियन' का प्रमुख संकेत माना गया। रिसर्च टीम को लीड करने वाले प्रोफेसर अली याजदानी के अनुसार इससे साइंटिस्ट ऐसे एग्जॉटिक पार्टिकल्स तैयार कर सकेंगे, जिनका इस्तेमाल क्वांटम कंप्यूटिंग में हो सकेगा।

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