चक्रधरपुर के पंडालों में विराजीं मां दुर्गा

कोरोना संक्रमण काल के बीच चक्रधरपुर शहर में अब धीरे-धीरे दुर्गा पूजा की रंगत निखरने लगी है। शारदीय नवरात्र की सप्तमी से शहर के पूजा पंडालों में पूजन व प्रतिमा स्थापित करने का कार्य प्रारंभ हो जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 08:01 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 08:01 PM (IST)
चक्रधरपुर के पंडालों में विराजीं मां दुर्गा
चक्रधरपुर के पंडालों में विराजीं मां दुर्गा

जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : कोरोना संक्रमण काल के बीच चक्रधरपुर शहर में अब धीरे-धीरे दुर्गा पूजा की रंगत निखरने लगी है। शारदीय नवरात्र की सप्तमी से शहर के पूजा पंडालों में पूजन व प्रतिमा स्थापित करने का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। वहीं बंगाली एसोसिएशन दु्र्गा मंदिर में गुरुवार को षष्ठी पूजन किया गया। हालांकि कोरोना के कारण इस बार न तो पंडालों में भव्यता नजर आ रही है और न ही सजावट में। गुरुवार को शहर के कई हिस्सों में पूजा समितियां पंडालों को अंतिम रूप देने में रातभर काम करते रहेंगी। बंगाली एसोसिएशन में पुष्पांजलि अर्पण पर रोक :

बंगाली एसोसिएशन में 102 वर्षो से मां दुर्गा की पूजा की जा रही है। यहां पूजा 1919 से आरंभ हुई थी। वर्ष 2008 में महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा की स्थाई प्रतिमा स्थापित कर मंदिर का निर्माण किया गया था। इस बार कोरोना के कारण पूजा को लेकर भी कई तरह का प्रतिबंध लगाया गया है। पुष्पांजलि अर्पण में रोक लगाया गया है। वहीं विसर्जन के दिन महिलाओं द्वारा खेले जाने वाले सिदुर खेला पर भी पूजा समिति ने रोक लगाया है। जबकि दर्शन को लेकर दो गज की दूरी पर घेरा लगाया गया है। ज्ञात हो कि बंगाली एसोसिएशन में सालों भर मां की पूजा होती है। वहीं यहां दुर्गा पूजा के दौरान भव्य मेले का आयोजन होता होता था। इस बार इसका आयोजन नहीं होगा।

सप्तमी पूजा आज, होगी घट पूजा : गुरुवार को दुर्गा पूजा समितियों द्वारा षष्ठी पूजा किया गया। वहीं 23 अक्टूबर शुक्रवार को सप्तमी पूजा किया जाएगा। जिसको लेकर विभिन्न पूजा पंडालों द्वारा संजय नदी तट से घट पूजा करेंगे। जबकि 24 अक्टूबर को महाअष्टमी पूजा की जाएगी। जिसको लेकर पूजा समितियों द्वारा तैयारियां की गई हैं।

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