समाज में बढ़ते दुष्प्रभाव से बचें : संतोष कुमार

बड़ाजामदा ज्ञानचंद जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर स्कूल सहायक शिक्षक संतोष कुमार ने कहा कि जिस गति से देश का विकास हो रहा है। उससे कहीं अधिक बदलते परिवेश में देश विकास के साथ भ्रामक प्रचार प्रसार का दौर भी चल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 06:00 PM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 06:23 AM (IST)
समाज में बढ़ते दुष्प्रभाव से बचें : संतोष कुमार
समाज में बढ़ते दुष्प्रभाव से बचें : संतोष कुमार

संवाद सूत्र, नोवामुंडी : बड़ाजामदा ज्ञानचंद जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर स्कूल सहायक शिक्षक संतोष कुमार ने कहा कि जिस गति से देश का विकास हो रहा है। उससे कहीं अधिक बदलते परिवेश में देश विकास के साथ भ्रामक प्रचार प्रसार का दौर भी चल रहा है। इसके दुष्प्रभाव से समाज भी अछूते नहीं हैं। जो दिखता है वह चीज सोना नहीं होती है। शनिवार को छठी कक्षा के छात्रों को वर्ग कक्ष में दैनिक जागरण की ओर से आयोजित जागरण संस्कारशाला कार्यक्रम के महत्व के विषय में जानकारी दे रहे थे। कहा कि दूरदर्शन से लेकर सिनेमा घरों में समाज को जागरूक करने के ख्याल से मनोरंजन के तौर पर दिखाए जाने वाले शिक्षायुक्त सामाजिक कार्यक्रम तक तो ठीक है। उसी बीच कुछ ऐसे भ्रामक प्रचार भी दिखाए जाते हैं जिससे लोग समझने के बजाय इसके विपरीत और अधिक उलझ जाते हैं। वहीं समाज में कुरीति के रूप में समय से पहले लोगों से जिदगी छीन लेने के लिए मधुशाला भी अलग से एक किनारे मुंह फैलाए खड़ी है। किसी को फिक्र नहीं है। फिक्र है भी तो वे जानबूझकर अपना लेते हैं। संस्कार के विषय में विस्तार से बताया कि जिदगी जीने के दौरान होने वाले नुकसान से संबंधित वस्तुओं को समय रहते त्याग देना चाहिए। बुरी आदत को छोड़कर अच्छे आदत को जीवन में उतार लेना ही तो संस्कार है। छोटे को स्नेह बड़ों को सम्मान और बराबर वाले को प्यार देने के आलावा माता पिता से नियमित आशीर्वाद लेना ही संस्कार है। इसे नियमित पाठ का हिस्सा मानकर जीवन में उतार लेना चाहिए।

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