वनकर्मियों के कल्याण के लिए मुखर हुई आइएफएस एसोसिएशन

जागरण संवाददाता चाईबासा भारतीय वन सेवा (आइएफएस) एसोसिएशन ने वनों की रक्षा करने वाले वनक

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Oct 2020 06:46 PM (IST) Updated:Fri, 09 Oct 2020 06:46 PM (IST)
वनकर्मियों के कल्याण के लिए मुखर हुई आइएफएस एसोसिएशन
वनकर्मियों के कल्याण के लिए मुखर हुई आइएफएस एसोसिएशन

जागरण संवाददाता, चाईबासा : भारतीय वन सेवा (आइएफएस) एसोसिएशन ने वनों की रक्षा करने वाले वनकर्मियों के कल्याण के लिए आवाज उठाई है। एसोसिएशन ने कहा है कि सरकार ने 11 सितंबर को वन शहीद दिवस के रूप में अधिसूचित तो किया है मगर अभी तक फ्रंटलाइन स्टाफ जैसे उप परिसर पदाधिकारी, परिसर पदाधिकारी व वन क्षेत्र पदाधिकारी के कल्याण के लिए कुछ भी ठोस कदम नहीं उठाया है। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखे एक पत्र में आइएफएस एसोसिएशन ने मांग की है कि यदि कोई स्टाफ मेंबर ड्यूटी के दौरान मारा जाता है, तो उसके लिए कम से कम 25 लाख रुपये का अनुग्रह मुआवजा पैकेज दिया जाए। मृतक की बची हुई सेवा अवधि के दौरान पूरा वेतन दिया जाए तथा मृतक के बच्चों को, प्रधानमंत्री वजीफा स्कीम के दायरे में लाया जाए। यह पत्र 2 सितंबर को लिखा गया है। पत्र में ये भी मांग की गई है कि वन कर्मचारियों के सदस्यों को आवश्यक सुविधाएं जैसे शौचालय, स्नानघर, पीने योग्य पानी की आपूर्ति, बिजली, प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं आदि प्रदान की जाए। इसके अलावा भारतीय दंड संहिता व आपराधिक प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत, उन्हें हथियार और दूसरे उपकरण दिए जाएं।

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2012 से 2017 के बीच भारत में मारे गए 162 वन रेंजर्स

एसोसिएशन ने इंटरनेशनल रेंजर फेडरेशन की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि वन रेंजरों के लिए, भारत सबसे खतरनाक देश है। यहां 2012 से 2017 के बीच 162 मौतें हुईं, जो दुनिया भर में हुईं वन रेंजरों की कुल मौतों का 31 प्रतिशत है। इन मौतों के कारण हैं हथियारबंद शिकारियों, तस्करों, अवैध खनिकों व अतिक्रमण करने वालों से टकराव और जंगल में लगी आग, बीमारियां तथा जानवरों के हमले।

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कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले वनकर्मियों की सुरक्षा बेहद जरूरी : डीएफओ सारंडा

सारंडा वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार ने बताया कि एसोसिएशन की मांगों को देखते हुए भारत सरकार ने एक समिति का गठन किया गया है जो दूरस्थ क्षेत्रों में तैनात अग्रिम पंक्ति के वन कर्मचारियों के लिए काम करने की स्थिति में सुधार व आवश्यक उपायों के अध्ययन करेगी एवं सुझाव देगी। यह एक सकारात्मक पहल है। कठिन परिस्थितियों में कार्यरत वनकर्मियों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाना अति आवश्यक है।

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