एएसपी नाथू सिंह मीणा बने नक्सलियों की आखों की किरकिरी

रविवार को घात लगा महिलाओं एवं बच्चों की आड़ लेकर नक्सलियों द्वारा की गई फायरिग में एएसपी नाथू सिंह मीणा के बॉड़ीगार्ड लखिंद्र मुंडा व एसपीओ सुंदर स्वरूप महतो की मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 09:18 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 09:18 PM (IST)
एएसपी नाथू सिंह मीणा बने नक्सलियों की आखों की किरकिरी
एएसपी नाथू सिंह मीणा बने नक्सलियों की आखों की किरकिरी

दिनेश शर्मा, चक्रधरपुर : रविवार को घात लगा महिलाओं एवं बच्चों की आड़ लेकर नक्सलियों द्वारा की गई फायरिग में एएसपी नाथू सिंह मीणा के बॉड़ीगार्ड लखिंद्र मुंडा व एसपीओ सुंदर स्वरूप महतो की मौत हो गई। जानकारों का मानना है कि पदस्थापन के बाद से ही लगातार नक्सल विरोधी अभियान में सक्रिय रहने व नक्सलियों को बैकफुट पर धकेलने में कामयाब होने के कारण एएसपी नाथू सिंह मीणा नक्सलियों की आंखों की किरकिरी बन गए हैं। सिर्फ लॉकडाउन अवधि की ही बात करें, तो आधा दर्जन से अधिक बार आमने-सामने भीषण मुठभेड़ हो चुकी है। महिलाओं व बच्चों की आड़ ले पहली बार पुलिस को बनाया निशाना

पुलिस-सीआरपीएफ ने अपनी रणनीति में बदलाव कर पिछले ढाई माह में लॉकडाउन अवधि में नक्सलियों को लगभग नॉकआउट कर दिया था। अब इसी राह पर चलते हुए भाकपा माओवादियों ने पुलिस को वर्ष 2020 में जिले में सबसे बड़ी क्षति उठाने पर मजबूर कर दिया। बताते चलें कि पिछले 28 मई को आधी रात बंदगांव के बीहड़ों में पहाड़ियों के मध्य असाधारण अभियान चलाकर पीएलएफआइ के एरिया कमांडर समेत तीन हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराने के साथ दो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। यह पूरा अभियान सरप्राइज पर आधारित था। कहने का तात्पर्य यह है कि जिस प्रकार पुलिस ने पीएलएफआइ के नक्सलियों को चौंकाकर उनका लगभग सफाया कर दिया, ठीक उसी तर्ज पर भाकपा माओवादियों ने पुलिस को चौंकाते हुए न केवल ग्रामीणों के घरों की आड़ ली बल्कि महिलाओं व बच्चों को अपनी ढाल भी बना लिया। इससे भौचक्के पुलिस को निरीह ग्रामीणों की जान बचाने को बस ट्रिगर पर अपनी उंगलियां थाम लेनी पड़ी। हां, इसकी कीमत उन्हें अनमोल जान देकर भले ही चुकानी पड़ी हो। लेकिन कुल मिलाकर पुलिस कप्तान के कथनानुसार यह अभियान एक सबक की तरह रहा। माओवादी भी किसी भी हद से गुजरने के लिए अब तैयार हैं। पुलिस के लिए भी अब चुनौती बड़ी हो चली है। बहरहाल, बुलंद हौसले के साथ नक्सलवाद के उन्मूलन के लिए लगातार अभियान चला रहे सुरक्षा बल के हौसले इस घटना से कतई कम नहीं होने वाले। सुरक्षा बलों के तेवर बता रहे कि माओवादियों की राह अब दुष्कर हो चली है।

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