एसीसी कंपनी में चल रहे विवाद के पटाक्षेप की उम्मीदें बंधी
चाईबासा स्थित सदर अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय में एक बार फिर सोमवार को एसीसी कंपनी प्रबंधन मजदूर यूनियन और प्रशासन के बीच त्रिपक्षीय वार्ता हुई।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : चाईबासा स्थित सदर अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय में एक बार फिर सोमवार को एसीसी कंपनी प्रबंधन, मजदूर यूनियन और प्रशासन के बीच त्रिपक्षीय वार्ता हुई। वार्ता में सहायक श्रम आयुक्त केंद्रीय श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, सदर एसडीओ शशींद्र कुमार बड़ाईक, सदर एसडीपीओ अमर कुमार पांडेय, झींकपानी बीडीओ प्रभात, झींकपानी थाना प्रभारी रवि रंजन, जीएसटी पदाधिकारी, पीएफ ग्रेच्युटी पदाधिकारी, एसीसी प्रबंधक व एसीसी के मजदूर तथा झारखंड जेनरल कामगार यूनियन केंद्रीय अध्यक्ष जॉन मिरन मुंडा शामिल हुए। इसमें एसीसी कारखाना में मजदूरों को हो रही समस्या को लेकर बातचीत हुई। बताया गया कि गत 18 फरवरी से लोडिग प्वाइंट जाम होने के कारण एसीसी कारखाना को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा और एसीसी के इर्द-गिर्द आए दिन जुलूस धरना-प्रदर्शन हो रहा था, जिससे विधि-व्यवस्था बिगड़ने की संभावना बनी हुई थी। यूनियन कारखाना में कार्यरत मजदूरों के हित में एवं समस्या के समाधान के लिए प्रबंधक के साथ वार्ता करना चाह रही थी, मगर प्रबंधक और यूनियन अध्यक्ष तथा मजदूरों के बीच तालमेल नहीं होने के कारण कारखाना को नुकसान उठाना पड़ा। सोमवार को यूनियन अध्यक्ष जॉन ने कहा कि मजदूर हित में यदि कारखाना प्रबंधक वार्ता के लिए तैयार होती है तो कारखाना को नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा और मजदूरों की समस्या नहीं होगी और एसीसी कारखाना इस क्षेत्र में संजीवनी का काम करेगा। वार्ता में लगभग सारे मामलों पर सकारात्मक बातें हुईं। सीमेंट वेज बोर्ड के तहत मजदूरों को मजदूरी और समान काम समान वेतन को लेकर आईडी एक्ट के तहत मामला को आगे ले जाने की बात पदाधिकारियों ने कही। छह सूत्री मांगों को लेकर हुई वार्ता में मजदूरों को जीत मिली और मजदूरों के बीच हर्ष और उल्लास का माहौल देखने को मिला। 23 फरवरी को मजदूर बैठक कर झारखंड जेनरल कामगार यूनियन झींकपानी उप शाखा का गठन करेंगे।