मीरूडीह गांव में वन विभाग की जमीन की धड़ल्ले से बिक्री

संसू आदित्यपुर सरायकेला खरसावां जिले के आरआइटी थाना क्षेत्र के मीरूडीह गाव में वन विभाग क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Feb 2020 01:30 AM (IST) Updated:Tue, 25 Feb 2020 06:23 AM (IST)
मीरूडीह गांव में वन विभाग की जमीन की धड़ल्ले से बिक्री
मीरूडीह गांव में वन विभाग की जमीन की धड़ल्ले से बिक्री

संसू, आदित्यपुर : सरायकेला खरसावां जिले के आरआइटी थाना क्षेत्र के मीरूडीह गाव में वन विभाग की जमीन कब्जा कर बेचने का धंधा परवान चढ़ रहा है। दो से पांच लाख रुपये प्रति प्लॉट बिक्री हो रही है। यही नहीं भू-माफिया मकान बनवाने से लेकर मजदूर मुहैया कराने की सुविधाएं दे रहे हैं। यह खेल वन विभाग की मिलीभगत से चल रहा है। इस धंधे में दो गुट सक्रिय हैं। इनके बीच टकराव की भी आशंका बनी हुई है। मालूम हो कि आदित्यपुर क्षेत्र में पहले भी भूमि विवाद में कई हत्याएं हो चुकी हैं। हैरानी की बात यह है कि जमीन बचाने के लिए वन विभाग सक्रिय नहीं है। वन विभाग के जिन छोटे पदाधिकारियों को जमीन की रक्षा का दायित्व है, वे जाच के नाम पर खानापूरी कर रहे हैं। मालूम हो कि भूमि विवाद में काग्रेस नेता शानबाबू के अलावा रंजीत बैज व गम्हरिया थाना क्षेत्र में बुद्धेश्वर कुंभकार की हत्या हो चुकी है।उधर, आलम यह है कि मीरूडीह गाव में हजारों मकान वन विभाग की जमीन पर बस चुके हैं। इसमें कई दलों के नेताओं की भी भूमिका रही है। डीएफओ आदित्य नारायण ने कहा कि वन विभाग की जमीन पर कब्जे की सूचना है। मामले में दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी। भू माफिया पर शीघ्र प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने लोगों से कहा है कि वन विभाग की जमीन नहीं खरीदें। वरना, पैसे बर्बाद हो जाएंगे। साथ ही कानूनी कार्रवाई के जद में भी आएंगे। कैचवर्ड -- कार्रवाई की दरकार

- दो से पांच लाख रुपये प्रति प्लॉट वन विभाग की जमीन हो रही बिक्री

- मकान बनाने से मजदूर मुहैया कराने तक की सुविधा दे रहे माफिया

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