प्रभु को कराया गया शाही स्नान, खट्टा भोग खाकर हुए बीमार

जेएनएन, सरायकेला खरसावां : गुरुवार को पवित्र देवस्नान पूर्णिमा के मौके पर श्री जगन्नाथ, बडे़ भा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Jun 2018 06:36 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jun 2018 06:36 PM (IST)
प्रभु को कराया गया शाही स्नान, खट्टा भोग खाकर हुए बीमार
प्रभु को कराया गया शाही स्नान, खट्टा भोग खाकर हुए बीमार

जेएनएन, सरायकेला खरसावां : गुरुवार को पवित्र देवस्नान पूर्णिमा के मौके पर श्री जगन्नाथ, बडे़ भाई बलभद्र व बहन सुभदा का शाही स्नान कराया गया। सरायकेला, हरिभंजा, खरसावां तथा आसपास के जगन्नाथ मंदिरों में तीनों ही विग्रहों को स्नान मंडप तक पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ लाकर पूजा-अर्चना की गई। परंपरा के अनुसार देव स्नान पूर्णिमा उत्सव का आयोजन किया गया और प्रभु जगन्नाथ का देव स्नान कराते हुए चंदन, अगुरु, गाय का घी, दूध, दही, मधु, हल्दी आदी का लेप लगाया गया। इसके पश्चात प्रभु जगन्नाथ को 35 कलश, बड़े भाई बलभद्र को 42 कलश, बहन सुभद्रा को 20 कलश व सुदर्शन को 11 कलश पानी से स्नान कराया गया। इसके बाद खट्टा प्रसाद खिलाया गया जिससे भगवान बीमार होकर स्वास्थ्य लाभ के लिए अन्नसरगृह में चले गए।

जानकारी हो कि सरायकेला में विगत दो सौ पचास वर्षों से पुरी के तर्ज पर रथयात्रा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। सरायकेला की रथ यात्रा में सारे अनुष्ठान एवं विधि-विधान पुरी के तर्ज पर होते हैं। सरायकेला के मंदिर के पुजारी सह जगन्नाथ सेवक पंडित ब्रह्मानंद महापात्र ने प्रभु को देव स्नान कराया। इसके पश्चात प्रभु जगन्नाथ, दाउ बलभद्र एवं बहन सुभद्रा का श्रृंगार कर उन्हें मंदिर स्थित ¨सहासन पर विराजमान कराते हुए भक्तों ने प्रभु की पूजा-अर्चना की। पंद्रह दिनों के लिए प्रभु मंदिर स्थित अग्रसर गृह में रहेंगे। इस दौरान मंदिर का कपाट बंद रहेगा। अस्वस्थता के दौरान प्रभु का उपचार की परंपरा निभाई जाएगी। परंपरा के अनुसार माली परिवार के द्वारा विशेष औषधि की दो खुराक का सेवन प्रभु को कराया जाएगा। 7 जुलाई को पंचमूल औषधि तथा 11 जुलाई को दशमूल औषधि का सेवन कर प्रभू स्वस्थ्य हो जाएंगे और नेत्र उत्सव के दिन प्रभु का भव्य श्रंगार किया जाएगा। इसके पश्चात 14 जुलाई से नौ दिवसीय रथ यात्रा उत्सव शुरू हो जाएगा, जिसमें प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा विश्राम करने के लिए अपनी मौसी के घर जायेंगे। भगवान के अस्वस्थ होने की अवधि में ही रथ यात्रा के लिए तीनों विग्रहों की रंगाई-पुताई का कार्य किया जाता है।

हरिभंजा के जगन्नाथ मंदिर में हरिभंजा के जगन्नाथ मंदिर में स्नान यात्रा के पश्चात भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया। मौके पर मंदिर के पुरोहित पं प्रदीप दाश, भरत त्रिपाठी आदि उपस्थित थे।

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रथ यात्रा के कार्यक्रम

28 जून : प्रभु जगन्नाथ की स्नान पूर्णिमा

13 जुलाई : प्रभु जगन्नाथ का नेत्र उत्सव

14 जुलाई : प्रभु जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा

18 जुलाई : हेरा पंचमी पर महालक्ष्मी द्वारा प्रभु जगन्नाथ का रथ भंगिनी

22 जुलाई : वापसी यात्रा (बाहुडा रथ यात्रा) का आयोजन होगा

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