कौन सांसद है और कौन विधायक है, मालूम नहीं

टूटी फूटी सड़कों से चलकर बरहड़वा से आठ किलोमीटर का सफर तय कर गुमानी नदी के किनारे का गांव बड़तल्ला पहुंचा जा सकता है। आदिवासी बहुल बरहेट विधानससभा क्षेत्र के पतना प्रखंड बड़तल्ला गांव में के चुनाव के वक्त ही बिजली आती है। न पानी न सेहत का इंतजाम गांव के लोग गुमानी नदी के किनारे रहकर भी प्यासे हैं। गांव में सभी समुदाय के लोग पांच सालों से उम्मीद के सहारे रहे परंतु वह चुनाव के वक्त तक कायम है। गांव पहुंचने पर लोगों ने बताया कि गांव की आबादी चार हजार से ज्यादा है। गांव में तकरीबन सभी जाति के 9 सौ परिवार रहते हैं। गांव के लोग वर्तमान जन प्रतिनिधि से नाराज हैं कहते हैं कि गांव का दर्द जानने का प्रयास अगर किया होता तो गांव में पांच सालों से बुनियादी समस्या कायम नहीं रहती

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Dec 2019 06:08 PM (IST) Updated:Mon, 02 Dec 2019 06:08 PM (IST)
कौन सांसद है और कौन विधायक है, मालूम नहीं
कौन सांसद है और कौन विधायक है, मालूम नहीं

गांव की कहानी:

महासमर: - चुनाव के वक्त ही पतना के बड़तल्ला गांव में आती है बिजली

- जन प्रतिनिधि से नाराज हैं गुमानी नदी के किनारे बसे गांव के लोग

धनंजय मिश्र बड़तल्ला गांव, (साहिबगंज): टूटी फूटी सड़कों से कई किलोमीटर का सफर तय कर बरहड़वा से आठ किलोमीटर दूर गुमानी नदी के किनारे का गांव बड़तल्ला पहुंचा जा सकता है। आदिवासी बहुल बरहेट विधानसभा क्षेत्र के पतना प्रखंड बड़तल्ला गांव में चुनाव के वक्त ही बिजली आती है। गांव के लोग गुमानी नदी के किनारे रहकर भी प्यासे हैं। गांव पहुंचने पर लोगों ने बताया कि गांव की आबादी चार हजार से ज्यादा है। गांव में तकरीबन सभी जाति के नौ सौ परिवार रहते हैं। बड़तल्ला गांव के मोहन पंडित बताते हैं कि गांव में चुनाव के वक्त बिजली आती है। उसके बाद गांव में अंधेरा ही ज्यादा समय तक पसरा रहता है। गांव के रफेल मुर्मू का कहना है कि खेती किसानी व रोजी रोजगार पर परिवार चलता है। खोगेन पंडित का कहना है कि गांव में प्रधानमंत्री आवास बनाने में भी भेदभाव किया गया है। अभी सभी लोगों का आवास नहीं बन सका है। गांव के पिछड़ी जाति के लोग आवास के लाभ से वंचित हैं। बबलू हेम्ब्रम की समस्या अलग है। कहा कि गांव के लोग पीने के पानी को तरस रहे हैं। डगरू हेम्ब्रम बताते हैं कि क्या करें बाबू हालत यह है कि गांव में सरकारी चापाकल तक नहीं है। साफ पानी कहां से मिलेगा। गुमानी नदी पास में है। अगर वहां का पानी भी गांव में आ जाए तो राहत मिल जाएगी। तभी गांव की दो महिलाएं पहुंच जाती हैं। चुनकी हेम्ब्रम व माइनो सोरेन का कहना है कि कौन सांसद है और कौन विधायक है, मालूम नहीं। गांव के लोग जिसे चाहते हैं, उन्हें ही वोट देती हैं। रोज कमाना और खाना है। गांव के लोगों ने सामूहिक रुप से गांव में एक स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाकर की मांग की। कमाने खाने वालों को जन प्रतिनिधियों की ओर से राहत की आस अब टूट रही है। गांव के लोग बताते हैं कि बेहतर आवागमन के लिए गुमानी नदी पर पुल नहीं बना है। गांव तक पहुंचने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बनी सड़क दो बसंत भी बेहतर तरीके से नहीं देख सकी है। सड़क जो सुगनीवासा तक जाती है, उसके निर्माण में जमकर ठीकेदारी करने की बात ग्रामीण बताते हैं। ग्रामीणों का कहना है सोच समझकर मतदान करेंगे।

chat bot
आपका साथी