यहां जंगल हुए गायब, प्रदूषण से खतरा

ग्रीन साहिबगंज के सपने को साकार करने का वर्षों से चल रहे प्रयास कारगर साबित नहीं हो रहा है। इसके पीछे मूल वजह बिगड़ते पर्यावरण को माना जा रहा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण शहर वासियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। विशेष कर शहर के गांधी चौक पटेल चौक सुभाष चौक पूर्वी व पश्चिमी रेल फाटक के मुहल्ले व आसपास के इलाके में प्रदूषित वायु से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। यहां के लोग सांस लेने की परेशानी से गुजर रहे हैं। साहिबगंज शहर में ध्वनि प्रदूषण तेजी से फैल रहा है। बेतरतीब तरीके से चल रहे वाहन के कारण तेजी से हार्न बजाने से लोगों के कान पर असर पड़ रहा है। ध्वनि व वायु प्रदूषण का जो तय मानक है उसकी निगरानी करने का साहिबगंज में कोई इंतजाम भी नहीं है। साहिबगंज में वायु व ध्वनि दोनों प्रदूषण का स्तर मानक से ज्यादा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Sep 2019 09:07 AM (IST) Updated:Mon, 30 Sep 2019 09:07 AM (IST)
यहां जंगल हुए गायब, प्रदूषण से खतरा
यहां जंगल हुए गायब, प्रदूषण से खतरा

साहिबगंज : ग्रीन साहिबगंज के सपने को साकार करने का वर्षों से चल रहे प्रयास कारगर साबित नहीं हो रहा है। इसके पीछे मूल वजह बिगड़ते पर्यावरण को माना जा रहा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण शहर वासियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। विशेष कर शहर के गांधी चौक, पटेल चौक, सुभाष चौक, पूर्वी व पश्चिमी रेल फाटक के मुहल्ले व आसपास के इलाके में प्रदूषित वायु से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। यहां के लोग सांस लेने की परेशानी से गुजर रहे हैं। साहिबगंज शहर में ध्वनि प्रदूषण तेजी से फैल रहा है। ध्वनि व वायु प्रदूषण का जो तय मानक है उसकी निगरानी करने का साहिबगंज में कोई इंतजाम भी नहीं है।

जिले में ध्वनि व वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ता जा रहा है। साहिबगंज शहर में भी हरियाली कम होती जा रही है। लोग पेड़ पौधे काटकर जंगल साफ कर घर बना रहे हैं। कभी वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से शहर के बीचोंबीच गुजरे एनएच के किनारे पौधरोपण किया गया था परंतु अब उसमें से एक भी पौधे नहीं हैं। साहिबगंज में बेतरतीब बढ़ रही आबादी एवं उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए कंक्रीट के भवनों के निर्माण के कारण हरियाली गायब हो रही है। साहिबगंज में वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य स्तर 0.20 के मुकाबले 2.5 एमपी है। जिले में वन विभाग ही पौधरोपण कर हरियाली लाकर वायु प्रदूषण रोकने का प्रयास करता है। ध्वनि प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर जिले के तीन शहरी क्षेत्रों साहिबगंज, राजमहल व बरहड़वा में है। साहिबगंज शहर में बिना निबंधन के टोटो सैकडों की संख्या में चल रहे हैं। साहिबगंज नगर परिषद की ओर से कई बार वाहनों के निबंधन के लिए प्रचार प्रसार किया गया परंतु इसका असर भी बहुत देखने को नहीं मिल रहा है।

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कोट

साहिबगंज शहर के आसपास गंगा नदी के किनारे नमामि गंगे से पौधारोपण किया गया है। शहर के खाली पड़ी जमीन पर भी पौधे लगाए गए हैं। शहर में बिगड़ रहे पर्यावरण को सुधारने के लिए नगर परिषद को आगे आना होगा। कोई भी पौधा लगाना चाहता है तो उसे वन विभाग बहुत कम कीमत पर पौधा उपलब्ध कराती है। सबके सहयोग से साहिबगंज शहर को ग्रिन बनाया जा सकता है।

विकास पालिवाल, डीएफओ, साहिबगंज

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