नियुक्ति करनेवाली कंपनी पर भी होगी प्राथमिकी

जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत पारा मेडिकल कर्मियों को नियुक्त करनेवाली कंपनी पर भी प्राथमिकी दर्ज होगी। उसपर नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान निर्धारित मानकों को पूरा न करने का आरोप है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Sep 2019 10:37 AM (IST) Updated:Tue, 17 Sep 2019 10:37 AM (IST)
नियुक्ति करनेवाली कंपनी पर भी होगी प्राथमिकी
नियुक्ति करनेवाली कंपनी पर भी होगी प्राथमिकी

साहिबगंज : जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत पारा मेडिकल कर्मियों को नियुक्त करनेवाली कंपनी पर भी प्राथमिकी दर्ज होगी। उसपर नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान निर्धारित मानकों को पूरा न करने का आरोप है। भविष्य में उसे यहां ब्लैक लिस्टेड भी कर दिया जाएगा। गौरतलब हो कि जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 17 प्रकार के पदों पर 116 कर्मियों की नियुक्ति होनी थी। फरवरी 2019 में इसके लिए विज्ञापन निकाला गया। योग्य आवेदकों के चयन का काम दिल्ली की कंपनी एमएस एसपीसी मैनेजमेंट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को उसे निर्धारित राशि का भुगतान करना था। कंपनी ने चयन प्रक्रिया लगभग पूर्ण कर ली। कुछ लोगों ने इसमें अनियमितता की शिकायत उपायुक्त से की। इस बीच अधिकारियों ने उसकी जांच की तो पाया गया कि कंपनी ने कई निर्धारित प्रक्रिया को पूर्ण नहीं किया है और उसने मनमाने तरीके से चयन सूची तैयार कर ली। विभाग को नहीं दी सूचना : एजेंसी ने स्वास्थ्य विभाग को यह नहीं बताया कि उसे कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं। आवेदकों का पदवार आंकड़ा भी तैयार नहीं कराया गया। सूची में एक आवेदक का नाम दो-दो बार दर्ज है तो कई आवेदकों का आवेदन ही नहीं है। कई अभ्यर्थियों का मूल आवेदन नहीं रहने पर भी उन्हें साक्षात्कार में शामिल होने की अनुमति दे दी गई। कई अभ्यर्थियों को परीक्षा से वंचित रखा गया। उसका उचित कारण भी नहीं बताया गया। मास्टर डाटा तैयार करने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया में अगले चरण के तहत योग्य एवं अयोग्य अभ्यर्थियों की न तो सूची तैयार की गई और न ही उसका प्रकाशन किया गया। एजेंसी ने विज्ञापन के दौरान घोषित की गई अर्हता पूर्ण नहीं करनेवाले आवेदकों की भी परीक्षा ले ली गई। ऐसे आवेदकों की परीक्षा लेने का कोई कारण एजेंसी ने नहीं बताया। स्वास्थ्य विभाग ने कई बार एजेंसी को स्थिति स्पष्ट करने को कहा लेकिन उसने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद समिति ने चयन प्रक्रिया रद करने का निर्णय लिया। गौरतलब हो कि इस मामले में तत्कालीन जिला कार्यक्रम प्रबंधक राजीव कुमार पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सिविल सर्जन डॉ. डीएन सिंह ने जिरवाबाड़ी ओपी में आवेदन दिया है। उनपर भी स्वास्थ्य विभाग में पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितता बरतने का आरोप है। अनियमितता की बात सामने आने पर पिछले दिनों उपायुक्त राजीव रंजन ने तत्काल प्रभाव से स्वास्थ्य विभाग के दो लिपिकों मुकेश सिन्हा व दिलीप सिंह को निलंबित कर दिया था तथा मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की थी। समिति की रिपोर्ट में अनियमितता की पुष्टि होने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया रद कर दी गई थी। राजीव कुमार वर्तमान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सिमडेगा में जिला कार्यक्रम प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। पुलिस ने सिविल सर्जन से ली मामले की जानकारी : प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन मिलने के बाद जिरवाबाड़ी के प्रभारी ओपी प्रभारी अभिमन्यु सिंह सोमवार को सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे। वहां सिविल सर्जन से कुछ बिदुओं पर जानकारी मांगी। कहा इस मामले में शीघ्र ही जांच के बाद कार्रवाई शुरू की जाएगी। कहा कि पहले कागजात एकत्र किया जा रहा है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अनुसंधान के क्रम में दिल्ली व सिमडेगा जाएगी।

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