1992 में अयोध्या से कारसेवा कर लौटे तो रांची में लगा था क‌र्फ्यू

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर आए ऐतिहासिक फैसले पर 1992 के कारसेवक वीर्ेंद्र विमल ने कहा कि जब रांची लौटे थे क‌र्फ्यू लगा था। अयोध्या में कारसेवकों में आक्रोश था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Nov 2019 04:13 AM (IST) Updated:Sun, 10 Nov 2019 04:13 AM (IST)
1992 में अयोध्या से कारसेवा कर लौटे तो रांची में लगा था क‌र्फ्यू
1992 में अयोध्या से कारसेवा कर लौटे तो रांची में लगा था क‌र्फ्यू

संजय कुमार, रांची :

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर आए ऐतिहासिक फैसले पर 1992 के कारसेवक काफी खुश हैं। इसमें कई लोग उम्र के अंतिम पड़ाव पर हैं, तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सामाजिक जीवन में अब भी सक्रिय हैं। उनमें से एक हैं विश्व हिदू परिषद के क्षेत्र मंत्री, वीरेंद्र विमल। उन्होंने दैनिक जागरण से अपनी बातें साझा करते हुए कहा कि तीन दिसंबर 1992 को रांची से शशिकांत द्विवेदी (अब इस दुनिया में नहीं हैं) के नेतृत्व में 113 लोग अयोध्या के लिए रवाना हुए। इस टीम में सुशील कुमार सह प्रमुख थे। हमलोग रांची से गोमो पहुंचे, फिर वहां से गंगा-सतलुज एक्सप्रेस से अयोध्या के लिए रवाना हुए। चार दिसंबर को अयोध्या पहुंच गए।

वहां छह दिसंबर को निर्देश दिया गया कि सभी लोग सरयू नदी से जल एवं रेत लेकर प्रतीकात्मक कारसेवा करेंगे। इस घोषणा के बाद कार सेवकों में आक्रोश उत्पन्न होने लगा। पूरे देश से लगभग 6 लाख कारसेवक पहुंचे थे। आपस में लोग चर्चा करने लगे कि इसके लिए ही आए हैं क्या। कब तक इस तरह आते रहेंगे। दोपहर 12 बजे के आसपास कई लोग गुंबद पर चढ़ गए थे। देखते-देखते पांच बजे तक तीनो गुबंद ढह गया। फिर वहां पर मंदिर का निर्माण शुरू हो गया। सात दिसंबर को नौ बजे तक सेना के जवानों ने उस स्थल को अपने कब्जे में ले लिया। वहां से लौटने के लिए सरकार ने विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की। नौ दिसंबर को जब रांची पहुंचे, तो आरा गेट पर कई लोग ट्रेन रुकवाने के लिए पटरी पर दौड़ रहे थे। जब ट्रेन रुक गई तब हमलोगों को बताया गया कि रांची स्टेशन पर पुलिस आप लोगों को गिरफ्तार करने के लिए खड़ी है। शहर में क‌र्फ्यू लगा हुआ है। सभी कारसेवक वहीं पर उतर गए। वहां से अलग-अलग घरों में हमलोगों को ठहराया गया।

आरएसएस एवं अनुषांगिक संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। आरएसएस सहित विहिप कार्यालय में ताला लग गया था। क‌र्फ्यू में छूट के बाद हमलोग अपने-अपने घरों को पहुंचे। शशिकांत द्विवेदी के घर पर पुलिस पहुंची तो उनके भाई को गिरफ्तार कर लिया गया।

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