पूरे शहर को मिला पानी, फिर भी कई घर प्यासे

रांची : प्रदर्शन, सड़क जाम और विभाग की लगातार कोशिशों के बाद गुरुवार की देर रात तक लगभग सभी क्षेत्रों में जलापूर्ति की गई, फिर भी कुछ मोहललों में कई ऐसे घर हैं, जहां पानी नहीं पहुंच पाता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Jun 2018 07:58 AM (IST) Updated:Sat, 02 Jun 2018 07:58 AM (IST)
पूरे शहर को मिला पानी, फिर भी कई घर प्यासे
पूरे शहर को मिला पानी, फिर भी कई घर प्यासे

रांची : प्रदर्शन, सड़क जाम और विभाग की लगातार कोशिशों के बाद गुरुवार की देर रात तक लगभग सभी क्षेत्रों में जलापूर्ति हो चुकी थी। इसके बावजूद कुछ घर अभी भी प्यासे हैं। ये वे परिवार हैं, जहां पांच दिनों से नहीं बल्कि कई हफ्तों से पानी नहीं आया है। कुछ लोग इस बात से परेशान हैं कि जब मोहल्ले के अन्य घरों में पानी आ रहा है, तो उनके घर में क्यों नहीं।

हालत ऐसे हैं कि 10 साल का बच्चा दूर बो¨रग से जार में पानी भर कर लाता है और मां खाना बनाती है। नहाने के लिए पूरा परिवार बाहर जाता है। यह कहानी दर्जनों परिवारों की है।

रातू रोड का मधुकम क्षेत्र मुख्य मार्ग से कुछ दूरी पर स्थित है। सप्लाई पानी के पाइप के बिल्कुल अंतिम छोर पर। आलम यह है कि सप्लाई का पानी वहां तक पहुंच ही नहीं पाता। हर घर से गुजरने के क्रम में पानी का प्रवाह इतना कम हो जाता है कि कई घरों में पानी की कुछ बूंदें ही पहुंच पाती हैं। यही हाल ¨हदपीढ़ी में भी है। वहां भी ऐसे कई घर हैं, जहां पानी की स्थिति हर घर में बदलती है। कहीं किसी घर में पानी की टंकी भरी मिलती है, तो कोई मुश्किल से दो बाल्टी पानी ही भर पाता है।

पानी मिलने की अवधि में 20 से 30 मिनट का अंतर

रातू रोड की मुख्य सड़क के ठीक किनारे के घरों में पानी 40 मिनट आता है। आगे बढ़ते हुए अवधि कम होती जाती है। 30 मिनट, 20 मिनट, 10 मिनट और अंतिम छोर पर नल से बहुत कम पानी गिरता है। औसतन हर रोज पहले और अंतिम घर में पानी की अवधि में करीब 30 मिनट का अंतर देखने को मिलता है। ¨हदपीढ़ी के तमाम घरों में लोग इसी बात की शिकायत करते मिले कि पानी तो सबके लिए बराबर आता है, तो फिर किसी को कम और किसी को ज्यादा क्यों मिलता है। शहर के अन्य भागों में भी यह समस्या है, लेकिन उक्त दोनों क्षेत्रों में यह समस्या अधिक गंभीर है। मोटर चूस रहे गरीबों का पानी

शहर के लगभग सभी इलाकों में सप्लाई पाइप से मोटर द्वारा पानी खींचा जाता है। सब अपनी सुविधा के अनुसार पाइप से पानी टंकी में भर लेते हैं। इसका असर यह होता है कि सप्लाई शुरू होने के बहुत देर बाद तक सामने के कुछ घरों को ही पानी मिलता है। सामने के घरों में जब मोटर बंद होता है, तब पानी आगे बढ़ पाता है। इस तरह जो पानी बच जाता है, अंतिम छोर के घरों तक पहुंचता है। इस बीच सप्लाई बंद हो चुकी होती है और कई परिवार प्यासे रह जाते हैं। इस समस्या का एक पहलू यह भी है कि यदि पूरे क्षेत्र के लिए पर्याप्त पानी दिया जाए, तो शायद शहर के हर घर को पानी मिल जाए। डीसी के निर्देश नहीं हो रहा पालन

कुछ हफ्ते पहले ही नगर आयुक्त शांतनु अग्रहरि ने निर्देश था कि जिस क्षेत्र में पानी की सप्लाई की जाएगी, वहा सप्लाई पूरी होने तक बिजली ठप रहेगी। इसके पीछे यही कारण था कि लोग मोटर चलाकर सप्लाई पानी पर अपना कब्जा न कर सकें और सबको बराबर पानी मिल सके। लेकिन, इतने दिनों के बाद भी विभाग द्वारा इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया है। अभी तक ऐसा एक भी क्षेत्र नहीं है, जहां इसकी टेस्टिंग हुई हो।

इनसेट

याद नहीं, पिछली बार कब आया था पानी

मधकम में एक गरीब परिवार है जहां पानी की समस्या चरम पर है। उस परिवार की गृहिणी शीला देवी बताती हैं कि उनके यहां कई दिनों से पानी नहीं आया है। पिछली बार पानी कब आया था, उन्हे याद नहीं है। वह कहती हैं कि मोहल्ले के बाकी घरों में पानी आता है, लेकिन उनके घर के नल में पानी नदारद है। पिछली बार सप्लाई पानी से एक बाल्टी भी नहीं भर पाया था। कनेक्शन ठीक है, लेकिन उनके घर तक आने के क्रम में पानी का प्रवाह अपना दम तोड़ देता है।

शीला देवी अपने घर से दूर मंदिर के पास जाकर खाने के लिए पानी लेकर आती है। कई दिनों तक कपड़े धोने के लिए पानी बचा कर रखती हैं। उनका पूरा दिन पानी के इंतजाम में बीत जाता है।

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