Untrained Teachers Removed: अनट्रेंड पारा शिक्षकों-शिक्षकों को नहीं हटाया तो अफसरों से वसूली

Untrained Teachers Removed शिक्षा सचिव ने सभी उपायुक्तों शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश दिया है इसके मुताबिक आरटीई के तहत 31 मार्च 2019 तक प्रशिक्षण सबके लिए अनिवार्य था।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 27 Dec 2019 06:59 PM (IST) Updated:Sat, 28 Dec 2019 12:11 PM (IST)
Untrained Teachers Removed: अनट्रेंड पारा शिक्षकों-शिक्षकों को नहीं हटाया तो अफसरों से वसूली
Untrained Teachers Removed: अनट्रेंड पारा शिक्षकों-शिक्षकों को नहीं हटाया तो अफसरों से वसूली

रांची, राज्य ब्यूरो। Untrained Teachers Removed in Jharkhand स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों एवं पारा शिक्षकों से कोई कार्य नहीं लेने तथा उनको कार्यमुक्त करने का आदेश दिया है। विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने इस संबंध में सभी उपायुक्तों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला शिक्षा अधीक्षकों को निर्देश देते हुए कहा है कि ऐसे किसी शिक्षक को वेतन का भुगतान नहीं किया जाए, जो अप्रशिक्षित हैं। यदि उनसे कार्य लिए जाने के कारण वेतन संबंधित दावा आता है तो इसकी वसूली संबंधित पदाधिकारियों से होगी।

प्रधान सचिव ने निश्शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों तथा केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के निर्देश के आलोक में यह निर्देश दिया है। बकायदा उन्होंने कोषागार पदाधिकारियों को भी निर्देश दिया है कि शिक्षकों के वेतन आदि का भुगतान उनके प्रशिक्षण संबंधित ब्योरा प्राप्त करने के बाद ही किया जाए। उन्होंने पारा शिक्षकों के मामले में यह जिम्मेदारी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सौंपी है। सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को भी यह आदेश सुनिश्चित करने को कहा है। हालांकि कितने शिक्षक अप्रशिक्षित हैं, इस संबंध में कोई आंकड़ा विभाग के पास नहीं है।

बताते चलें कि केंद्र सरकार द्वारा आरटीई अधिनियम के तहत अप्रशिक्षित शिक्षकों एवं पारा शिक्षकों को 31 मार्च 2019 तक प्रशिक्षण प्राप्त करने का अंतिम मौका दिया गया था। इसके लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान से सरकारी स्कूलों के 13,518 शिक्षकों/पारा शिक्षकों एवं प्राइवेट स्कूलों के 56,657 शिक्षकों को सेवारत रहते हुए प्रशिक्षण दिया गया। लेकिन कई शिक्षक व पारा शिक्षक राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान द्वारा ली गई परीक्षा में असफल भी हो गए।

इसके बाद झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने केंद्र के निर्देश पर लगभग साढ़े चार हजार अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया है और उनका मानदेय भुगतान नहीं हो रहा है। हालांकि जिलों से मिली सूचना के अनुसार, झारखंड हाई कोर्ट के एक आदेश आने के बाद हटाए गए पारा शिक्षक फिर से कार्य करने का दबाव डाल रहे हैं।

chat bot
आपका साथी