निर्मल हृदय पहुंचने वाली अविवाहित माताओं को किया जाता था ब्लैकमेल

बच्चा नहीं सौंपने पर सार्वजनिक करने की मिलती थी धमकी, भय के कारण अविवाहित देती थी लिखित एकरारनामा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 22 Jul 2018 02:43 PM (IST) Updated:Sun, 22 Jul 2018 02:43 PM (IST)
निर्मल हृदय पहुंचने वाली अविवाहित माताओं को किया जाता था ब्लैकमेल
निर्मल हृदय पहुंचने वाली अविवाहित माताओं को किया जाता था ब्लैकमेल

जागरण संवाददाता, रांची : मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित निर्मल हृदय से बच्चा बिक्री प्रकरण की जांच के दौरान कलई परत दर परत खुल रही है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि निर्मल हृदय में जाने वाली हर अविवाहित माताओं को बच्चा सौंपने के लिए ब्लैमेल किया जाता था। उन्हें धमकी दी जाती थी जैसा भी बच्चा हो सौंप देना, अन्यथा उसकी गोपनीयता जगजाहिर कर दी जाएगी।

जब गर्भवती अविवाहित माताएं मान जाती थी,ं तो उन्हें एक टाइप किए गए फॉरमैट पर हस्ताक्षर करवाया जाता था। जिसमें यह एकरारनामा करवाया जाता था कि मैं बच्चे को सौंप दूंगी। निर्मल हृदय और बच्चे के लिए मेरा कोई दावा नहीं रहेगा। यह बातें पुलिस द्वारा सिस्टर कांसिलिया और अनिमा इंदवार से रिमांड पर लेकर पूछताछ के दौरान सामने आई है। स्वीकारोक्ति बयान सामने आने के बाद पुलिस ने इसे केस डायरी में भी उल्लेख किया है।

एक भी मां नहीं ले गई अपने बच्चों को :

पुलिस की जांच के दौरान सामने आया है कि निर्मल हृदय में जन्मे किसी भी बच्चे को उनकी मां नहीं लेकर जाती थी। जबकि रजिस्टर में लिखा होता था कि वे स्वेच्छा से अपने बच्चों को ले जा रही है। यह बातें पुलिस के अनुसंधान में लिए गए बयान और गवाहों में सामने आए हैं। इसका केस डायरी में उल्लेख कर कोर्ट में सौंपा गया है।

सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने दर्ज कराई थी एफआईआर :

बच्चे की बिक्री का मामला सामने आने के बाद सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा कुमारी ने बीते तीन जुलाई को कोतवाली थाना स्थित एएचटीयू थाना में मामला दर्ज कराया। इसमें निर्मल हृदय की संचालिका, सिस्टर कांसिलिया, बच्चे को बेचने वाली अनिमा इंदवार, बच्चे की मां, खरीदार सोनभद्र (उत्तरप्रदेश) जिले के ओबरिया निवासी सौरभ अग्रवाल और उनकी पत्‍‌नी प्रीति अग्रवाल, सदर अस्पताल की गार्ड मंजू, मोरहाबादी के हरिहर सिंह रोड निवासी दीपधारी देवी, उनके पति ओमेंद्र सिंह, सिमडेगा के दंपति शैलजा तिर्की, उसके पति, सहित 14 को आरोपित बनाया गया है। अन्य के नाम जुड़े रहे हैं।

हंगामा के बाद मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर रोक :

सीडब्ल्यूसी ने हंगामा के बीच मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। इससे संबंधित सूचना सीडब्ल्यूसी बेंच के बाहर दीवार पर चिपका दी गई है। कवरेज करने गए कुछ मीडियाकर्मी वहां घुसे तो उन्हें संबंधित आदेश का हवाला देकर लौटा दिया गया है। जाहिर है कि एक दिन पहले सीडब्ल्यूसी में हंगामा हुई थी। हंगामा के दौरान वहां मीडियाकर्मी मौजूद थे। मीडियकर्मियों के कवरेज के दौरान सीडब्ल्यूसी सदस्य और जिला समाज कल्याण अधिकारी उलझे थे। कैमरामैन को कैमरे के साथ अपने चैंबर तक ले गई थी।

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