केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री का हेमंत सरकार पर निशाना- राज्य की गलत नीतियों के कारण शिक्षकों के 90,000 पद रिक्त

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने झारखंड सरकार की गलत नीतियों को शिक्षकों के 90 हजार से अधिक रिक्त पदों के लिए जिम्‍मेदार ठहराया है। उन्होंने गुरुवार को राज्य अतिथिशाला में राज्‍य में केंद्रीय योजनाओं के अनुपालन की समीक्षा की।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Fri, 02 Dec 2022 01:04 PM (IST) Updated:Fri, 02 Dec 2022 01:04 PM (IST)
केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री का हेमंत सरकार पर निशाना- राज्य की गलत नीतियों के कारण शिक्षकों के 90,000 पद रिक्त
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ली समीक्षा बैठक

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी (Annapurna Devi) ने झारखंड सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने गुरुवार को राज्य अतिथिशाला में केंद्रीय योजनाओं समग्र शिक्षा अभियान तथा प्रधानमंत्री पोषण योजना तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुपालन की समीक्षा के बाद राज्य में बड़ी संख्या में रिक्त पदों के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इसकी गलत नीतियों के कारण तमाम बहाली फंसी है।

झारखंड में बेहतर शिक्षा की उम्‍मीद नहीं: अन्‍नपूर्णा देवी

राज्य में शिक्षकों के ही 90 हजार से अधिक पद रिक्त हैं। ऐसे में राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उम्मीद नहीं की जा सकती। केंद्रीय राज्यमंत्री ने पिछली सरकार में लागू नियोजन नीति को रद्द करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार को नई नीति बनाने के बाद ही पुरानी नीति रद्द करनी चाहिए थी। नई नीति बनाने से पहले पुरानी नीति रद्द करने से ही तमाम बहालियां फंसी हैं। स्थिति यह है कि आज राज्य की सभी बहालियां कोर्ट चली जा रही हैं। यह राज्य के विकास तथा यहां के बच्चों व युवाओं के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

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रांची के राजकीय अतिथिशाला में राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ, झारखण्ड के संदर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, समग्र शिक्षा की महत्वपूर्ण योजनाओं, पीएम पोषण आदि से संबंधित समीक्षा बैठक।

सुधार की काफी गुंजाइश है,शिक्षकों की कमी भी है।

अधिकारियों को यथोचित निर्देश दिया। pic.twitter.com/SWZkY83Jtl

— Annapurna Devi (@Annapurna4BJP) December 1, 2022

राज्‍य केंद्रीय योजनाओं का नहीं उठा पा रहा लाभ

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की जो अच्छी चीजें है उसे लागू करने में वर्तमान सरकार को परहेज नहीं करना चाहिए। राज्य सरकार की अक्षमता के कारण ही शिक्षकों के रिक्त पद भरे नहीं जा रहे हैं, जिससे यहां के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में प्राथमिक शिक्षकों के ही लगभग 74 हजार पद रिक्त हैं। माध्यमिक स्कूलों में भी 15 हजार पद रिक्त हैं। अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि भारत सरकार राज्य के स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए हर व्यवस्था देना चाहती है, लेकिन राज्य सरकार उसका लाभ उठा नहीं पा रही है।

राशि खर्च नहीं हुई तो अगले वित्तीय वर्ष में होगी कटौती

केंद्रीय राज्य मंत्री ने राज्य के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा के क्रम में राशि कम खर्च होने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यदि समय पर राशि खर्च नहीं होगी तो अगले वित्तीय वर्ष में राशि में कटौती भी हो सकती है। उनके अनुसार, स्कूलों में आइसीटी लैब व स्मार्ट क्लास का भी पूरा काम नहीं हो पाया है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में जेसीईआरटी (झारखंड शैक्षि‍क अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) के कार्यों पर संतोष व्यक्त किया।

राज्य सरकार के पदाधिकारियों ने दी सफाई

बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त होने के सवाल पर राज्य सरकार के पदाधिकारियों ने बताया कि सहायक आचार्य के 50 हजार पद सृजित किए गए हैं जिन पर शीघ्र नियुक्ति शुरू होगी। प्लस टू शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। बैठक में केंद्र व राज्य के कई पदाधिकारी शामिल हुए।

बैठक में बच्चों की पोशाक के लिए राशि बढ़ाने की मांग

बैठक में राज्य के पदाधिकारियों ने बच्चों की पोशाक के लिए राशि बढ़ाने की मांग की। उन्‍होंने कहा, वर्तमान में दो सेट पोशाक के लिए दी जा रही 600 रुपये की राशि बहुत कम है। बताया कि राज्य सरकार कक्षा छह से आठवीं के छात्रों को जूते और मोजे के लिए 160 रुपये की अतिरिक्त राशि देती है।

राज्य के अधिकारियों ने स्कूलों को मिलने वाली अनुदान राशि भी बढ़ाने की मांग की। कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत जितनी राशि स्कूलों को मिलती थी उतनी ही समग्र शिक्षा अभियान में भी दी जा रही है, जबकि इसमें अब माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूल भी शामिल हो गए हैं।

स्‍कूलों में स्‍मार्ट क्‍लास पर भी हुई चर्चा

बता दें इस मद में स्कूलों को छात्र संख्या के आधार पर 10 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक की राशि प्रत्येक वर्ष दी जाती है। केंद्रीय राज्य मंत्री ने स्कूलों में आइसीटी लैब तथा स्मार्ट क्लास की योजना की भी समीक्षा की। राज्य के अधिकारियों ने बताया कि 974 सकूलों में स्मार्ट क्लास की योजना शुरू हो चुकी है जबकि 1,854 प्रक्रियाधीन है। 457 स्कूलों में अगले साल जनवरी तक आइसीटी लैब स्थापित कर दी जाएगी।

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