प्रतिभागियों ने जानी सोहराय कला की बारीकियां

झारखंड की लोककला सोहराय पेंटिंग की तीन दिवसीय कार्यशाला समापन बुधवार को गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Jan 2020 02:18 AM (IST) Updated:Thu, 30 Jan 2020 06:17 AM (IST)
प्रतिभागियों ने जानी सोहराय कला की बारीकियां
प्रतिभागियों ने जानी सोहराय कला की बारीकियां

जागरण संवाददाता, रांची : झारखंड की लोककला सोहराय पेंटिंग की तीन दिवसीय कार्यशाला समापन बुधवार को कलाकृति स्कूल ऑफ आ‌र्ट्स के डोरंडा कन्या पाठशाला स्थित केंद्र में हुआ। कार्यशाला के तीसरे दिन प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। इससे पूर्व सभी प्रतिभागियों ने अपनी कला को अंतिम रूप दिया। कार्यशाला के तीसरे दिन छात्रों को सोहराय कला की महत्ता एवं बारीकियों को सिखाया गया। इससे पूर्व कार्यशाला के प्रथम दिन सोहराय कला की पारंपरिक तकनीक, दूसरे दिन सोहराय कला में इस्तेमाल होने वाले रंगों की विस्तृत जानकारी दी गई थी।

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पूरे विश्व में हो सोहराय कला का प्रचार-प्रसार

कलाकृति स्कूल ऑफ आ‌र्ट्स के निदेशक धनंजय कुमार ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य अत्यंत पिछड़ा वर्ग और निर्धन छात्रों को हुनरमंद बना कर उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध करना था। ताकि युवतिया और बच्चें इस कला को सीख स्वावलंबी बनें एवं झारखंड की इस लोक कला का पूरे विश्व में प्रचार-प्रसार व संरक्षण करें।

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प्रशिक्षण शिविर के दौरान किया कृतियों का प्रदर्शन

इस कार्यशाला में कलाकृति आर्ट फाउंडेशन एवं कला सास्कृतिक निदेशालय झारखंड सरकार के सहयोग से निश्शुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई थी। प्रशिक्षण शिविर के दौरान बनाई गई कृतियों का प्रदर्शन भी किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्राचार्य डॉ राम सिंह उपस्थित थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में सांस्कृतिक निदेशक, झारखंड सरकार के दीपक कुमार शाही तथा संजीत कुमार मिश्रा उपस्थित थे। इस तीन दिवसीय कार्यशाला में कलाकृति स्कूल ऑफ आ‌र्ट्स के निदेशक एवं कला शिक्षक धनंजय कुमार, समाजसेवी संस्था कलाकृति आर्ट के अध्यक्ष रविशंकर गुप्ता, शशिकांत, डब्ल्यू कुमार, अजय कुमार का भरपूर सहयोग रहा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था की उपनिदेशिका रजनी कुमारी के सोहराय कलाकार कोमल, शिखा, आयशा, हर्षिता, हर्ष, विकास, शुभम आदि छात्रों का योगदान रहा।

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