झारखंड में बदलाव ला रहीं केंद्रीय योजनाएं, गांवों में उजियारा-जानलेवा धुएं से मुक्ति

केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर राज्य सरकार खासी सक्रिय है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 Sep 2018 01:33 PM (IST) Updated:Tue, 04 Sep 2018 01:33 PM (IST)
झारखंड में बदलाव ला रहीं केंद्रीय योजनाएं, गांवों में उजियारा-जानलेवा धुएं से मुक्ति
झारखंड में बदलाव ला रहीं केंद्रीय योजनाएं, गांवों में उजियारा-जानलेवा धुएं से मुक्ति

रांची, राज्य ब्यूरो। वजह चुनावी ही सही, लेकिन केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर जो सक्रियता राज्य सरकार की मशीनरी ने हाल के दिनों में दिखाई है उसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।

ग्राम स्वराज अभियान के द्वितीय चरण में झारखंड के 19 आकांक्षी जिलों के 6500 गांवों में भारत सरकार की सात फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन की हालिया रिपोर्ट इसकी पुष्टि कर रही है।

संभव है कि रिपोर्ट और व्यवहारिक आंकड़ों में कुछ फर्क हो लेकिन इससे कतई इन्कार नहीं किया जा सकता है, योजनाएं गांवों तक पहुंची हैं। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 28 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक में इन आंकड़ों को साझा किया था।

झारखंड में ग्राम स्वराज अभियान के पहले चरण में 252 गांवों का चयन किया गया था। जबकि दूसरे चरण में 6512 गांवों का। इन गांवों में केंद्र सरकार की सात योजनाओं के साथ-साथ राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया था। जून से 15 अगस्त तक चले अभियान की उपलब्धि सौ फीसद रही।

रियायती दर पर एलईडी बल्ब बांटने की उजाला सरीखी योजनाएं तो तयशुदा लक्ष्य को भी पार कर गई। राज्य सरकार ने इस अभियान के तहत बांटे गए बल्ब को जीएसटी से मुक्तकर दिया था।

70 रुपये का मिलने वाला एलईडी बल्ब ग्रामीणों को 65 में ही मुहैया कराया गया। उज्ज्वला योजना के तहत सभी लक्षित लाभुकों तक गैस सिलेंडर का चूल्हे के साथ वितरण तो नहीं किया गया लेकिन उनकी सूची तैयार कर ली गई है और अब क्रमवार उन्हें बांटने की तैयारी हो रही है।

इस दौरान बच्चों और महिलाओं का टीकाकरण का कार्य किया गया और पूर्व से चली आ रही प्रधानमंत्री जीवन ज्योति, जनधन और बीमा सुरक्षा योजना के बकाया कार्य को भी सफलतापूर्वक निपटाया गया।

टीम भाजपा को प्रचार की जवाबदेही : सत्ता और संगठन के समन्वय से 2019 का गोल साधने में जुटी भाजपा ने सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने की जवाबदेही अपनी भारी भरकम टीम को सौंपी है। सरकार योजनाओं को अमलीजामा पहनाएगी और कार्यकर्ता को उसे वोट की शक्ल में भुनाने की जवाबदेही सौंपी गई है।

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