राज्य विकास परिषद की बैठक में छाई रही बिजली

राज्‍य विकास परिषद की बैठक में मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि छह माह में राज्‍य के सभी इलाकों में बिजली संकट दूर हो जाएगा।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Thu, 04 Oct 2018 12:37 PM (IST) Updated:Thu, 04 Oct 2018 07:32 PM (IST)
राज्य विकास परिषद की बैठक में छाई रही बिजली
राज्य विकास परिषद की बैठक में छाई रही बिजली

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। राज्य विकास परिषद की गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन सभागार में हुई बैठक में सबसे अधिक चर्चा बिजली पर हुई। बैठक में कई जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को उठाया। खासकर दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल से पहुंचे लोगों ने इस बारे में आपत्तियों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि छह महीने में व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है।

पावर सबस्टेशन और ग्रिड तैयार हो रहे हैं जिसके बाद आधारभूत संरचना दुरुस्त होगा और कहीं कोई दिक्कत नहीं रहेगी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि आम लोगों को यह बात समझाएं भी। उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली की कमी नहीं है। लेकिन यहां वितरण व्यवस्था पर जो काम होना चाहिए था, वह नहीं हुआ। अब इसमें भी सुधार किया जा रहा है।

बैठक में तीन वर्षों के लिए एक्शन प्लान और 15 वर्षों के लिए विजन डॉक्यूमेंट प्रस्तुत किया गया। यह भी तय किया गया कि विभिन्न मुद्दों पर जन प्रतिनिधि दो महीने में अपनी प्रतिक्रिया सौंप देंगे जिसके बाद यथासंभव सुधार किया जाएगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में 31 सदस्यों में से अधिसंख्य मौजूद थे। मंत्रिमंडल सदस्य सरयू राय, अमर कुमार बाउरी आदि मौजूद थे लेकिन उपाध्यक्ष सुदेश महतो नहीं पहुंचे थे।

बैठक को संबोधित करते हुए सीएम रघुवर दास ने कहा कि विकास के लिए एडवांस प्लानिंग न होने के कारण झारखंड का जितना विकास होना चाहिए था, उतना नहीं हो पाया है। वर्ष 2022 में जब देश 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा, तो झारखंड का नये भारत के निर्माण में क्या योगदान होगा, इसकी रूपरेखा तय की गयी है। अब हम सबको मिलजुल कर इसे धरातल पर उतारना है। उन्होंने कहा कि बैठक में सांसद, विधायक समेत अन्य जन प्रतिनिधियों के द्वारा जो सुझाव प्राप्त हुए हैं, उनको भी इसमें शामिल किया जायेगा।

सीएम ने कहा कि आज भी हमारे 24 में से 19 जिले आकांक्षी जिलों की सूची में हैं। इनमें से भी छह जिले अति पिछड़े हैं। हमें उन जिलों को विकसित जिलों की श्रेणी में लाना है। राज्य सरकार ने इन जिलों के लिए विशेष तौर 50 करोड़ रुपये दिये हैं। हमें आइटी का अधिक से अधिक उपयोग कर समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक सरकार की योजना का लाभ पहुंचाना है।

अभी भी राज्य में राइट टू सर्विस एक्ट सही तरीके से लागू नहीं हो पाया है, उसे लागू कराना है। झारखंड स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ था। आज स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के मामले में झारखंड अग्रणी राज्यों में शुमार है। यह राज्य सरकार नहीं कह रही है, नीति आयोग ने कहा है। इसी प्रकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर राज्य को काफी सराहना मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से विकास योजनाओं में ज्यादा से ज्यादा सक्रिय भागीदारी निभाने का आग्रह किया। कहा, जिन योजनाओं में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी अच्छी रही है, वे योजनाएं काफी सफल रही हैं। खनिज बहुल राज्य के खनन क्षेत्र में लोग दूषित जल पीने को मजबूर थे लेकिन केंद्र ने खनन से प्राप्त रॉयल्टी में से 30 प्रतिशत की राशि उसी क्षेत्र के विकास में खर्च करने की अनुमति दी जिसका लाभ मिल रहा है।

इस राशि से इन क्षेत्रों में पाइपलाइन के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम शुरू किया है। शुक्रवार को रामगढ़ में 300 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास किया जाएगा। वहीं 300 करोड़ रुपये की योजना पहले से चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कृषि के साथ साथ पशुपालन, बागवानी, बांस की खेती, मत्स्य पालन, दुग्ध उत्पादन आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है।

राज्य में जल प्रबंधन के ठीक करने के लिए तालाब व डोभा भी बड़ी संख्या में खोदे जा रहे हैं। जिलावार लिफ्ट इरिगेशन योजनाएं तैयार की गई हैं। राज्य में वेलनेस सेंटर का जाल बिछाने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को भी बढ़ावा देने को कहा।

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