विधानसभा चुनाव में 40 से ज्यादा सीटों पर दावेदारी करेगा झामुमो

लोकसभा चुनाव में शिकस्त के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 Jun 2019 06:04 AM (IST) Updated:Fri, 07 Jun 2019 06:50 AM (IST)
विधानसभा चुनाव में 40 से ज्यादा सीटों पर दावेदारी करेगा झामुमो
विधानसभा चुनाव में 40 से ज्यादा सीटों पर दावेदारी करेगा झामुमो

रांची, प्रदीप सिंह

लोकसभा चुनाव में शिकस्त के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा विधानसभा चुनाव की तैयारियों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता। यही वजह है कि हार का मर्सिया पढ़ने की बजाय झारखंड मुक्ति मोर्चा का शीर्ष नेतृत्व उन कमजोरियों की तलाश करने में जुटा है, जो पराजय की वजह बनी। पार्टी की शीर्ष कमेटियों की बैठक में इसपर एक राय बनी है कि विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगा। अंदरूनी बैठकों में 40 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर दावेदारी की रणनीति बनाई गई है। इसी मुताबिक झारखंड मुक्ति मोर्चा के रणनीतिकार विपक्षी महागठबंधन के अन्य दलों के समक्ष अपना तर्क रखेंगे।

सीटों के चयन में बीते चुनावों का ट्रेंड, लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदर्शन समेत जातीय व स्थानीय समीकरण अहम होंगे। इसके अलावा विपक्षी महागठबंधन को झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई में चुनाव लड़ना होगा। लोकसभा चुनाव में इसी शर्त पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था।

इसके अलावा पिछले राज्यसभा चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी धीरज प्रसाद साहू को समर्थन देने का भी यही आधार था। धीरज प्रसाद साहू को इस चुनाव में जीत हासिल हुई थी। लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को 14 में से सात सीटें देने के पीछे भी यही वजह था कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए ज्यादा सीटें छोड़नी होगी।

हेमंत सोरेन होंगे सीएम का चेहरा

झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन आगामी विधानसभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन की ओर से सीएम का चेहरा होंगे। झामुमो केंद्रीय कमेटी, कार्यकारिणी और विधायक दल की हालिया बैठक में इसपर मुहर लगी। हेमंत सोरेन विपक्षी महागठबंधन के आपसी समन्वय के लिए गठित स्टीयरिग कमेटी के प्रमुख भी हैं। उनकी पहल पर तमाम विपक्षी दलों के नेता बैठकों में आते हैं।

हेमंत सोरेन की योजना विपक्षी महागठबंधन में सीटों के तालमेल में वामदलों को भी भागीदारी देने की है। हालांकि लोकसभा चुनाव में वामदलों को एक भी सीट नहीं दी गई थी।

कांग्रेस लगा सकती है अड़ंगा

2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच विधानसभा चुनाव के दौरान गठबंधन नहीं हो पाया था। हालांकि दोनों दल उस वक्त भी लोकसभा का चुनाव साथ मिलकर लड़े थे। ऐसे में इसके कयास भी लगाए जा रहे हैं कि अंतिम वक्त में कांग्रेस तालमेल में अड़ियल रुख अपना सकती है। कांग्रेस में इसे लेकर सुगबुगाहट भी है।

एक वरीय नेता ने बताया कि सीटें अपनी मर्जी से कोई नहीं तय कर सकता। गठबंधन और सीट शेयरिग के लिए बैठकें होती हैं। कांग्रेस का निर्णय शीर्ष नेतृत्व करेगी। खुद आधी सीटों पर दावेदारी से बात नहीं बनने वाली है। झारखंड मुक्ति मोर्चा को अन्य दलों का भी ख्याल रखना होगा।

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