खेलो इंडिया केंद्र में बदला रांची का साई सेंटर, तीरंदाजी-फुटबॉल-हॉकी व एथलेटिक्स में आजमाइश

यहां 141 आवासीय खिलाड़ी और 20 गैरआवासीय खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। अभी तीरंदाजी फुटबॉल हॉकी व एथलेटिक्स सेंटर को रखने पर सहमति बनी है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 12 Jul 2019 07:00 AM (IST) Updated:Fri, 12 Jul 2019 07:00 AM (IST)
खेलो इंडिया केंद्र में बदला रांची का साई सेंटर, तीरंदाजी-फुटबॉल-हॉकी व एथलेटिक्स में आजमाइश
खेलो इंडिया केंद्र में बदला रांची का साई सेंटर, तीरंदाजी-फुटबॉल-हॉकी व एथलेटिक्स में आजमाइश

रांची, [संजीव रंजन]। रांची स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई सैग) सेंटर अब 'खेलो इंडिया' केंद्र में बदल दिया गया है। मोरहाबादी स्थित साई सेंटर से विभिन्न खेलों में अब तक करीब सवा सौ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकले हैं। यहां अभी पांच खेलों - तीरंदाजी, एथलेटिक्स, फुटबॉल, हॉकी व बालिका वॉलीबॉल - का सेंटर चल रहा था। 'खेलो इंडिया' के तहत शुरू होने वाले केंद्र में अभी सिर्फ चार खेलों को रखा गया है। सूत्रों की मानें तो जल्द ही कुछ और भी खेल इसमें जुड़ सकते हैं। जानकारी के अनुसार शुरू में तीरंदाजी, फुटबॉल, हॉकी व एथलेटिक्स सेंटर को रांची में रखने की सहमति बनी है। जबकि, बालिका वॉलीबॉल इस सूची से बाहर है। साई के क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता से जारी पत्र में अभी चार खेलों को ही रखने का निर्देश दिया गया है।

105 खिलाड़ी ले रहे हैं प्रशिक्षण

साई सेंटर में अभी पांच खेलों में 105 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। 'खेलो इंडियाÓ सेंटर होने के बाद खिलाडिय़ों की संख्या बढ़ाई जाएगी। खेलो इंडिया के तहत चार खेलों के लिए 141 खिलाड़ी वहीं रहकर प्रशिक्षण लेंगे (रेसिडेंशियल), जबकि 20 गैरआवासीय (नॉन रेसिडेंशियल) खिलाडिय़ों प्रशिक्षण दिया जाएगा।  यहां रहने वाले खिलाडिय़ों को पहले से अधिक सुविधा दी जाएगी। इसके तहत उनके रहने, खाने व प्रशिक्षण की विशेष व्यवस्था रहेगी। प्रशिक्षण के लिए जो उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे, वह भी अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा।

वॉलीबॉल में इस सेंटर ने कप्तान दिया है

खेलो इंडिया सेंटर में तब्दील होने के साथ वॉलीबॉल को यहां से आउट करने का निर्णय कितना सही साबित होगा, यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन, इस सेंटर की विनीत कुमारी भारतीय यूथ टीम की कप्तान रह चुकी हैं। सेंटर से लगभग सवा सौ खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं। यहां की कई खिलाड़ी नौकरी कर रही हैं। खेल विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा बिरसा मुंडा स्टेडियम में खेल सुविधाओं को बढ़ाने और नया सिंथेटिक ट्रैक लगाने के बाद वॉलीबॉल को यहां से हटाने का निर्णय समझ से परे है।

रांची में खेलों को बढ़ाना चाहिए

इंफाल जैसे छोटे जगह पर नौ-नौ खेलों को 'खेलो इंडिया केंद्र में रखा गया है। वहीं, रांची में खेलों की संख्या कम की जा रही है, जबकि यहां सभी खेलों के लिए प्रतिभाएं भरी पड़ी हैं। खेल विशेषज्ञों की मानें तो रांची के 'खेलो इंडिया' केंद्र में खेलों की संख्या बढऩी चाहिए। झारखंड ओलंपिक संघ के महासचिव मधुकांत पाठक ने कहा कि प्रतिभाओं को सामने लाने में साई की भूमिका किसी से छुपी नहीं है। 'खेलो इंडियाÓ सेंटर बनने से खिलाडिय़ों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी, ऐसे में यहां खेल भी बढ़ाना चाहिए ना कि पहले से जो खेल यहां चल रहा है, उसे हटा देना चाहिए। अभी साई सेंटर में वॉलीबॉल की 12 लड़कियां प्रशिक्षण ले रही हैं। उल्लेखनीय है कि 2004 में भी इस सेंटर से वालीबॉल को हटाया गया था, लेकिन बाद में उसे फिर से जोड़ा गया।

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