रिम्स में बढ़ी लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा, जल्दी मिलेगी छुट्टी

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की हालत में सुधार हो रहा है। उन्हें जल्द ही रिम्स से छुट्टी मिल सकती है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Tue, 20 Mar 2018 11:24 AM (IST) Updated:Tue, 20 Mar 2018 12:06 PM (IST)
रिम्स में बढ़ी लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा, जल्दी मिलेगी छुट्टी
रिम्स में बढ़ी लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा, जल्दी मिलेगी छुट्टी

कंचन कुमार, रांची। रिम्स में इलाज करा रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सोमवार को चारा घोटाले के दुमका मामले में सजा सुनाए जाने के बाद उनकी सुरक्षा का जायजा लेने जेल एआइजी दीपक विद्यार्थी रिम्स पहुंचे। उन्होंने बताया कि यहां कुल नौ सेक्शन फोर्स की तैनाती की गई है। इनमें पांच सेक्शन सशस्त्र बल व चार सेक्शन लाठीधारी बल हैं।

इसके अलावे चार सब-इंस्पेक्टर एवं एक इंस्पेक्टर लगाए गए हैं। लालू प्रसाद रिम्स के कार्डियक विभाग के केबिन नंबर तीन में रहकर इलाज करा रहे हैं। उनसे मिलने के लिए बिहार- झारखंड के नेताओं की भीड़ उमड़ रही है। लेकिन, जेल मैनुअल के अनुसार उनसे मिलने की इजाजत नेताओं को नहीं दी जा रही है। कई नेता पुलिस जवानों से उलझ रहे हैं। सोमवार को हुसैनाबाद के पूर्व विधायक संजय सिंह यादव अंदर जाने से रोकने पर पुलिस जवानों से उलझ गए। बाद में समझा-बुझाकर मामला सलटाया गया।

मरीजों को हो रही परेशानी :

कड़ी सुरक्षा एवं भीड़ के कारण कार्डियक विभाग में इलाज करा रहे मरीजों के परिजनों को परेशानी हो रही है। उन्हें भी अंदर जाने से रोका जा रहा है। साथ ही मरीजों को ट्रॉली एवं स्ट्रेचर की भी सुविधा नहीं मिल रही है। गिरिडीह से इलाज कराने आईं कमला देवी को वार्ड से बाहर लाने के लिए सोमवार को ट्रॉली उपलब्ध नहीं कराई गई। उनका पुत्र अजय सिंह अपनी मां को गोद में उठाकर वार्ड से नीचे पहुंचे। मरीजों की परेशानी बढ़ी हुई है।

नेताओं का लग रहा जमघट :

बिहार एवं झारखंड के कई जिलों से राजद नेता एवं समर्थक यहां लगातार कैंप कर रहे हैं। वे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मिलने यहां पहुंच रहे हैं। हालांकि समर्थकों की लालू प्रसाद से मुलाकात नहीं हो रही है। इसके बावजूद वे यहां दिन भर कैंप कर रहे हैं। यहां तक रात में भी कुछ समर्थक गलियारे में सो रहे हैं। सोमवार को पार्टी के कई दिग्गज रिम्स पहुंचे थे। इनमें बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी, राज्यसभा सदस्य मनोज झा समेत कई थे। तेजस्वी को छोड़ अन्य दिग्गज नेताओं की भी लालू प्रसाद से मुलाकात नहीं हो सकी। राज्यसभा सांसद मनोज झा ने लालू प्रसाद से नहीं मिलने देने पर राज्य सरकार एवं प्रशासन के प्रति नाराजगी जताई। इसे तुगलकी फरमान बताया। कांटी विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी हैदर आजाद ने बताया कि वे कल से ही पहुंचे हुए हैं। लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया जा रहा।

दानापुर के पूर्व प्रत्याशी एवं नगरपालिका के उपाध्यक्ष राजकिशोर यादव ने कहा कि हमलोग प्रावधानों का सम्मान करते हैं। लेकिन हमारे नेता बीमार हैं। उनसे मिलने आए हैं, दूर से ही उनका दर्शन तो कराया जा सकता है। कांटी से मो. आजाद, झारखंड राजद की प्रदेश संगठन सचिव पिंकी यादव, धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष रंजन यादव, विपुल राज, दानापुर से पहुंचे पप्पू यादव, अजय कुमार यादव, गया जिला दलित प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मनोज कुमार भारती, बिहार के युवा राजद के प्रदेश सचिव सुभाष यादव आदि अपने पार्टी सुप्रीमो से मिलने के लिए दिनभर रिम्स परिसर में भटकते रहे।

तीन-चार दिनों में रिम्स से लालू को मिल सकती है छुट्टी

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की हालत में सुधार हो रहा है। सोमवार को वे राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के केबिन नंबर तीन से पैदल चलकर परिसर में निकले। उन्हें कोर्ट जाना था। कोर्ट जाने के क्रम में लालू प्रसाद ने कहा कि वे बेहतर महसूस कर रहे हैं। इलाज से संतुष्ट हैं। वे शनिवार को रिम्स में भर्ती हुए थे। पेरी एनल एब्सेस (मलद्वार में जख्म) का इलाज सर्जरी विभाग के डॉ. मृत्युंजय सरावगी कर रहे हैं।

डॉ. सरावगी ने सोमवार को बताया कि लालू प्रसाद का इन्फेक्शन अब भी बढ़ा हुआ है। इलाज चल रहा है। इंफेक्शन खत्म होने एवं सब कुछ सामान्य होने पर उन्हें तीन-चार दिनों में छुट्टी दे दी जाएगी। जख्म पूरी तरह ठीक होने में दस दिन लग सकते हैं। अभी वह ज्यादा समय तक बैठ नहीं सकते। चलने-फिरने में अभी थोड़ी परेशानी होती है। फिर भी घूम-टहल रहे हैं। वे सामान्य डाइट ले रहे हैं। उन्हें दही पसंद है, इसलिए डाइट में दही खा रहे हैं। कार्डियक विभाग के डॉ. प्रवीण झा भी इलाज कर रहे हैं। सोमवार को कोर्ट जाने के पूर्व डॉ. सरावगी, डॉ. प्रवीण एवं अन्य चिकित्सकों ने उनकी जांच की। अस्पताल अधीक्षक डॉ.एसके चौधरी ने मेडिकल रिपोर्ट पर नजर दौड़ाई। इसके बाद उन्हें कोर्ट भेजा गया।

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