सीएनटी से मुक्त हो सामान्य जाति से खरीदी गई जमीन, एससी-एसटी एंड ओबीसी फोरम ने राज्यपाल से की मांग

प्रतिनिधिमंडल ने जल संसाधन विभाग में प्रोन्नति में अनियमितता की शिकायत करते हुए कहा है कि विभाग में योग्य अभियंताओं को प्रोन्नति नहीं कर कनीय अभियंताओं को प्रोन्नति दे दी जा रही है

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 10 Jan 2020 08:00 PM (IST) Updated:Fri, 10 Jan 2020 08:00 PM (IST)
सीएनटी से मुक्त हो सामान्य जाति से खरीदी गई जमीन, एससी-एसटी एंड ओबीसी फोरम ने राज्यपाल से की मांग
सीएनटी से मुक्त हो सामान्य जाति से खरीदी गई जमीन, एससी-एसटी एंड ओबीसी फोरम ने राज्यपाल से की मांग

रांची, राज्य ब्यूरो। नेशनल फोरम ऑफ एससी, एसटी एंड ओबीसी कम्युनिटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर अनुसूचित जाति द्वारा सामान्य जाति से खरीदी गई जमीन को सीएनटी से मुक्त करने की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल के अनुसार, यदि एससी श्रेणी का कोई व्यक्ति सरकारी कर्मचारी होकर सामान्य वर्ग से भूखंड या मकान खरीदते हैं तो खरीदी हुई जमीन सीएनटी के दायरे में आ जाती है। जब किसी कारणवश उक्त जमीन की बिक्री करनी पड़ती है तो सामान्य वर्ग उसे खरीद नहीं सकता। इससे जमीन होते हुए भी एससी की आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है।

प्रतिनिधिमंडल ने जल संसाधन विभाग में प्रोन्नति में अनियमितता की शिकायत करते हुए कहा है कि विभाग में योग्य अभियंताओं को प्रोन्नति नहीं कर कनीय अभियंताओं को प्रोन्नति दे दी जा रही है। प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय व राज्य कर्मचारियों को आदिवासी भत्ता देने, एससी-एसटी उत्पीडऩ पर त्वरित कार्रवाई करने, कोल इंडिया का मुख्यालय रांची लाने, रिक्त पदों को भरने आदि की भी मांग की है। प्रतिनिधिमंडल में डॉ. सहदेव राम, मुख्तार अहमद, मीरा कुमार, खालिदा हया रश्मि आदि शामिल थे।

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