अभी बोल नहीं पा रहे जगरनाथ महतो, सरयू राय के बाद लंबोदर महतो ने की मुलाकात; चेन्नई के अस्पताल में शिक्षा मंत्री से पूछा कुशलक्षेम

पूर्व मंत्री सरयू राय ने चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर में इलाजरत राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से रविवार को मुलाकात की। जगरनाथ महतो का फेफड़ा ट्रांसप्लांट हुआ है। सरयू राय को ऑन ड्यूटी डा. राम सुब्रमण्यम ने बताया कि जगरनाथ महतो का स्वास्थ्य तेजी से सामान्य हो रहा है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sun, 27 Dec 2020 11:14 PM (IST) Updated:Tue, 29 Dec 2020 09:25 PM (IST)
अभी बोल नहीं पा रहे जगरनाथ महतो, सरयू राय के बाद लंबोदर महतो ने की मुलाकात; चेन्नई के अस्पताल में शिक्षा मंत्री से पूछा कुशलक्षेम
सरयू राय ने चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर में मंत्री जगरनाथ महतो से रविवार को मुलाकात की।

रांची, राज्य ब्यूरो। Saryu Roy meet with Jagarnath Mahto चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में इलाजरत मंत्री जगरनाथ महतो अभी बोल नहीं पा रहे हैं। कमजोरी भी बहुत है। उनका हालचाल लेने चेन्नई पहुंचे गोमिया के आजसू विधायक डा. लंबोदर महतो से उन्होंने इशारों में ही बात की। लंबोदर महतो के अनुसार अस्पताल के मेडिकल स्टाफ ने जब उनके बारे में जानने का प्रयास किया तो मंत्री ने कागज पर गोमिया एमएलए लिखकर उनका परिचय कराया।

मंत्री ने उनकी ओर देखकर मुस्कुराया तथा दोनों हाथ उठाकर अभिवादन भी किया। डा. लंबोदर महतो ने इलाज कर रहे डा. अपार जिंदल एवं डा. मुरली कृष्णन से भी मिलकर मंत्री के स्वास्थ्य की जानकारी ली। दोनों चिकित्सकों ने  बताया कि मंत्री अब नाश्ता एवं भोजन स्वयं करने लगे हैं। थोड़ी कमजोरी है जिसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। चिकित्सकों ने आशा व्यक्त की है कि वे शीघ्र पूरी तरह स्वस्थ होकर झारखंड लौटेंगे।

पूर्व मंत्री सरयू राय ने चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर में इलाजरत राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से रविवार को मुलाकात की। जगरनाथ महतो का फेफड़ा ट्रांसप्लांट हुआ है। सरयू राय को ऑन ड्यूटी डा. राम सुब्रमण्यम ने बताया कि जगरनाथ महतो का स्वास्थ्य तेजी से सामान्य हो रहा है और वे बहुत जल्द आईसीयू से वार्ड में स्थानांतरित हो जाएंगे।

विपक्षी नेतृत्व पर सवाल उठा रहा सत्तापक्ष

सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए घेराबंदी की तैयारी की है। इस राजनीतिक अभियान के तहत यह संदेश प्रचारित करना है कि राज्य में भाजपा नेतृत्व विहीन है। विधानसभा चुनाव के बाद विधायकों के बीच से विधायक दल के नेता का चुनाव करना था, लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने दल के सिंबल पर जीतकर आए विधायकों की अनदेखी की। यही नहीं, विधायक दल का नेता जिन्हें चुना गया, वे भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़कर निर्वाचित हुए हैं।

झामुमो इसी बहाने भाजपा के भीतर एक शिगूफा भी छोडऩा चाहता है। झामुमो के रणनीतिकारों का दावा है कि भाजपा के विधायकों में इस बात को लेकर नाराजगी है, लेकिन कोई कार्रवाई के डर से बोलना नहीं चाहता। खासकर वरीय विधायकों को यह नागवार लग रहा है कि उनके बीच से किसी का चयन नहीं कर ऐसे व्यक्ति को जिम्मेदारी दी गई, जो भाजपा के खिलाफ लंबे अरसे तक मुखर रहे हैं।

झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य इसे नैतिकता से भी जोड़ते हुए कहते हैं- भाजपा ने ऐसे व्यक्ति को विधायक दल की कमान सौंप दी जो उसी पार्टी के खिलाफ चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचा। भाजपा आखिरकार किस मुंह से नैतिकता और शुचिता की बात करती है। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर के मुताबिक बाबूलाल मरांडी को दल के भीतर नेता मानने को लेकर भारी विवाद है। वे अलग-थलग पड़ गए हैं। सही मायने में झारखंड में भाजपा नेतृत्व संकट के दौर से गुजर रहा है।  

कांग्रेस का शिगूफा, बाबूलाल नहीं रघुवर हैं भाजपा के नेता

प्रदेश भाजपा में नेतृत्व पर उठ रहे सवालों के बीच कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष डा. इरफान अंसारी ने कहा है कि राज्य में भाजपा के नेतृत्वकर्ता रघुवर दास हैं। बाबूलाल मरांडी स्तरहीन राजनीति करते हैं और अनाप-शनाप बोलते हैं। मर्यादा के विपरीत जाकर बोलना इनकी आदत में शुमार है। दल-बदल कर भाजपा में जाने के बाद मरांडी को विधायक दल का नेता बना दिया गया। यह मामला अभी स्पीकर की अदालत में विचाराधीन है। नियम के मुताबिक इन्हें विधायक की सदस्यता से अयोग्य करार देना चाहिए। बाबूलाल मरांडी हवा में उड़ जाएंगे। नेता प्रतिपक्ष बनने का उनका मंसूबा पूरा होने वाला नहीं है।

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