मरीज की मौत पर मेडिका अस्पताल में हंगामा, फर्जी कोविड जांच रिपोर्ट जारी करने का लगाया आरोप

नामकुम आरा गेट के निकट रहने वाली उर्मिला देवी उम्र 62 वर्ष के निधन पर परिजनों ने मेडिका अस्पताल पर इलाज में लापरवाही और फर्जी जांच रिपोर्ट देने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। उर्मिला देवी के बेटे रवि सिंह का कहना है कि उन्हें गुमराह किया गया।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Fri, 25 Dec 2020 03:59 PM (IST) Updated:Fri, 25 Dec 2020 03:59 PM (IST)
मरीज की मौत पर मेडिका अस्पताल में हंगामा, फर्जी कोविड जांच रिपोर्ट जारी करने का लगाया आरोप
मरीज की मौत के बाद परिजनों ने मेडिका अस्पताल में जमकर हंगामा किया।

रांची,जागरण संवाददाता। नामकुम आरा गेट के निकट रहने वाली उर्मिला देवी उम्र 62 वर्ष के निधन के बाद परिजनों ने मेडिका अस्पताल पर इलाज में लापरवाही और फर्जी जांच रिपोर्ट देने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। उर्मिला देवी के बेटे रवि सिंह का कहना है 18 दिसंबर को उनकी मां की तबीयत खराब हुई। उन्होंने इलाज के लिए मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया। उन्हें दमा की शिकायत थी।

एक सप्ताह के दौरान उन्हें उनकी मां से मिलने नहीं दिया गया। मरीज को कोविड-19 के वार्ड में रखकर इलाज किया गया। जबकि परिजनों का आरोप है कि मरीज को कोरोना हुआ ही नहीं था और कोरोना पॉजिटिव की गलत रिपोर्ट जारी कर मरीज की जान ले ली गई। जब उन्हें संदेह हुआ तो  मरीज की मौत के बाद उन्होंने प्राइवेट लैब से  कोरोना की जांच कराई। जांच में रिपोर्ट निगेटिव  मिली।

परिजनों का आरोप, इलाज के बारे में अवगत नहीं कराया गया

परिजनों का आरोप है कि 1 सप्ताह तक उन्हें मरीज को कौन सी समस्या है और किस तरह का इलाज किया जा रहा है, इससे अवगत नहीं कराया गया। सिर्फ गुमराह करने का काम किया जा रहा था। उर्मिला देवी के बेटे ने बताया कि 18 को उन्होंने अपनी मां को भर्ती किया था और 24 की सुबह 9:00 बजे मां के निधन की सूचना दी जाती है। जबकि 1 दिन पहले वीडियो कॉलिंग से उनकी बात कराई गई थी। रवि का कहना है कि मेडिका अस्पताल ने इलाज के नाम पर लापरवाही बरती है। और कोविड जांच की फर्जी रिपोर्ट जारी कर उन्हें गुमराह करने का काम किया। 24 दिसंबर को उन्होंने जब बाडी की मांग की तो प्रबंधन बाडी देने से इंकार कर रहा था। प्रबंधन का कहना था कि वे इसकी सूचना जिला प्रशासन को देंगे, उसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। वह सीधे तौर पर परिजनों को बाडी नहीं देंगे। इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन कुछ भी कहने से बचता रहा। वहीं अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डा विजय मिश्रा ने फोन किए जाने पर कोई जवाब नहीं दिया।

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