इश्तेहारों ने लील लिए सुरक्षित यातायात के संदेश

सड़क किनारे कई जगहों पर टो-अवे जोन, नो-पार्किंग, नो-एंट्री के बोर्ड को विज्ञापनों से पूरी तरह ढंक दिया गया है। इसका खामियाजा वाहन चालकों को उठाना पड़ रहा है।

By Edited By: Publish:Sun, 28 Oct 2018 07:43 AM (IST) Updated:Sun, 28 Oct 2018 11:32 AM (IST)
इश्तेहारों ने लील लिए सुरक्षित यातायात के संदेश
इश्तेहारों ने लील लिए सुरक्षित यातायात के संदेश

रांची, जासं। अब किसी को भी नजर आती नहीं कोई दरार, घर की हर दीवार पर चिपके हैं इतने इश्तेहार..। बशीर बद्र का यह शेर इन दिनों राजधानी की सड़क किनारे लगे संकेतकों पर फिट बैठ रहा है। परिवहन विभाग, यातायात विभाग, पथ निर्माण विभाग और एनएचएआइ की ओर से सड़क के किनारे लगाए गए वाहन चालकों को जानकारियां देने व सावधान करने वाले बोर्ड राजधानी में बुरी हालत में है।

संकेतकों से लेकर दिशासूचक बोर्ड तक के ऊपर इतने इश्तेहार चिपका दिए गए हैं कि उनपर लिखे मूल संदेश ही नजर नहीं आ रहे। जिन संकेतकों में धीरे चलें, गतिसीमा इतनी रखें, धीरे चलें, आगे स्कूल है., आदि संदेश लिखे हैं उनके ऊपर विभिन्न कंपनियों के विज्ञापन चिपके हुए हैं। ये हालत लंबे समय से है लेकिन कभी जिम्मेदारों ने न इन विज्ञापनों को हटाया ना ही विज्ञापन चिपकाने वालों पर कोई कार्रवाई की। हाल ये है कि शहर में कई जगह लगे दिशासूचक बोर्ड निरर्थक हो चुके हैं।

यातायात को सुगम बनाने वाले ये बोर्ड उत्पादों का प्रचार करने के काम आ रहे हैं। पुरुलिया रोड, सर्कुलर रोड से लेकर शहर के मई महत्वपूर्ण इलाकों में यही हाल है। परिणामस्वरूप शहर में वाहन चालकों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। खासकर उन वाहन चालकों को जो उस मार्ग में नए होते हैं या कम आते हैं। महत्वपूर्ण जगहों जैसे स्कूल और अस्पताल से गुजरने वाली सड़कों पर लगे साइन बोर्ड वाहनचालकों को गति धीमी करने का निर्देश देते हैं।

मगर सुरक्षा को ताक पर रख कर इन पर इश्तेहार चस्पा कर दिए जाते हैं। सबसे खतरनाक स्थिति यह है कि तीखे मोड़ से लेकर ऐसे इलाकों में जहां वाहन चालकों को गतिसीमा से लेकर अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां इन बोर्ड व संकेतकों के माध्यम से हासिल होती, वहां भी ये चालकों को आगाह करनेवाले संदेश विज्ञापनों के नीचे दबे हैं।

वाहन चालक भुगत रहे खामियाजा : सड़क किनारे कई जगहों पर टो-अवे जोन, नो-पार्किंग, नो-एंट्री के बोर्ड को विज्ञापनों से पूरी तरह ढक दिया गया है। इसका खामियाजा वाहन चालकों को उठाना पड़ रहा है। सूचना से पूरी तरह अनजान वाहन चालकों का प्रशासन द्वारा भारी चालान काट दिया जाता है। उन्हें अच्छी खासी पेनाल्टी देनी पड़ती है। कई जगह दिशासूचक गलत लगाए गए हैं या उखाड़ दिए गए है जिन्हें ठीक करने की जहमत किसी ने नहीं उठाई। हो रही हैं दुर्घटनाएं महत्वपूर्ण स्थलों जैसे स्कूल, कॉलेज, अस्पताल एवं गति अवरोधक वाली जगहों पर सूचनापट्ट लगाए जाते हैं।

जिससे आने-जाने वाले वाहन चालक अपनी गति धीमी कर सकें। कई बार सूचना पट्ट पेड़ या झाड़ के पीछे छुपे होते हैं जिससे वे अस्पष्ट या लगभग अदृश्य हो गए हैं। मिशन चौक के निकट कई विद्यालय और कॉलेज हैं, यहा सूचना पट्ट तो लगाए गए हैं, लेकिन निरर्थक हैं, क्योकि पट्ट पेड़ों के पीछे और कुछ सड़क किनारे अस्थायी दुकानों के पीछे छुप गए हैं।

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