Ranchi News: सरकार की उपेक्षाओं के शिकार हुए ग्रामीण जान हथेली पर रखकर जीने को मजबूर

Ranchi News पलामू जिला के पांकी प्रखंड का कोनवाई पंचायत डेढ़ दशक से उपेक्षित है। जर्जर घरों में रह रहे दर्जनों परिवार इस पंचायत की बदहाली की दस्तां कहने को काफी है। सड़क व पुल-पुलिया व बाजार की बदहाली क्षेत्र की समस्या को उजागर कर रहे हैं

By Madhukar KumarEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 11:54 AM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 11:54 AM (IST)
Ranchi News: सरकार की उपेक्षाओं के शिकार हुए ग्रामीण जान हथेली पर रखकर जीने को मजबूर
Ranchi News: सरकार की उपेक्षाओं के शिकार हुए ग्रामीण जान हथेली पर रखकर जीने को मजबूर

रांची, जासं: पलामू जिला के पांकी प्रखंड का कोनवाई पंचायत डेढ़ दशक से उपेक्षित है। जर्जर घरों में रह रहे दर्जनों परिवार इस पंचायत की बदहाली की दस्तां कहने को काफी है। सड़क व पुल-पुलिया व बाजार की बदहाली क्षेत्र की समस्या को उजागर कर रहे हैं ।कतार से जर्जर खपरैल के घर हैं। कई घरों में रहना जान को पूरी तरह जाखिम में डालने से कम नहीं है।

कई परिवार घर गिर जाने के कारण दूसरे के मकान में रहने को विवश हैं। पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर से करीब 39 किमी दूर कोनवाई पंचायत के गांवों का यह हाल है तो सुदूरवर्ती गांवों की हालत क्या होगी। कई लोगों ने बताया कि कई दर्जन लोगों का नाम पूर्व के इंदिरा आवास व अब के प्रधानमंत्री आवास योजना की चयनित सूची शामिल था। अचानक सबका नाम हटा दिया गया। नतीजतन क्षेत्र के कई लोग काफी जर्जर खपरैल मकान में रहने को आज भी मजबूर है। पंचायत व जनप्रतिनिधि इनकी सुध लेने नहीं आते।

जर्जर घर में रह रही बाबूलाल मांझी की पत्नी शिकाली देवी ने कहा कि उनका घर पूरी तरह जर्जर हो चुका है। बावजूद प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला। कई बार आवेदन दिया। नजीता शून्य है। जान जोखिम में डालकर सपरिवार रह रहे हैं। बच्चन ठाकुर ने कहा कि उनका घर ध्वस्त हो चुका है। उनका नाम पहले इंदिरा आवास व बाद में प्रधानमंत्री आवास के लिए सूची में शामिल था। बाद में उनके साथ 59 गरीब ग्रामीणों का नाम सूची से हटा दिया गया। वे मुखिया, पंचायत सेवक समेत संबंधित पदाधिकारी व कर्मचारियों के पास गए। डीडीसी से लेकर प्रखंड कार्यालय तक का चक्कर लगाया। आश्वासन के बावजूद अब तक आवास नहीं मिला। बताया कि वे लोगों की बाल-दाढ़ी बनाकर अपना घर चलाते हैं। इधर बच्चन पासवान ने कहा कि उनका घर जर्जर है। बावजूद प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उन्हें अब तक नहीं मिला है।

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