रांची के श्रीजन के आविष्कार को अमेरिका में मिला पेटेंट, अब आनलाइन गेम खेलना होगा आसान; जानें

Online Games Jharkhand News Mental Poker Cryptography श्रीजन पुणे में रहते हैं और उनके इस आविष्कार को इसी अगस्त महीने में पेटेंट मिल गया है। वह इस आविष्कार में 2013 से लगे हुए थे। श्रीजन ने बताया कि ताश-पत्ती खेलने का शौक था।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 26 Aug 2021 07:25 PM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 07:43 AM (IST)
रांची के श्रीजन के आविष्कार को अमेरिका में मिला पेटेंट, अब आनलाइन गेम खेलना होगा आसान; जानें
Online Games, Jharkhand News, Mental Poker Cryptography श्रीजन कुमार के आविष्‍कार को अमेरिका में पेटेंट मिला।

रांची, [संजय कृष्ण]। अब आप आनलाइन गेम्स पारदर्शी तरीक से खेल सकते हैं। आपके पत्ते को वह सर्वर भी नहीं देख सकता, जिसने यह खेल आपको उपलब्ध कराया है। यह सब मेंटल पोकर के माध्यम से संभव हुआ है और इसे संभव किया है रांची के श्रीजन ने। श्रीजन के इस आविष्कार 'आनलाइन गेस्म में प्लेयर की सुरक्षा के लिए क्रिप्टोग्राफी' की मदद से बनाए प्रोग्रामिंग को अमेरिकी सरकार से पेटेंट मिल गया है। इसे करीब 40 साल से चली आ रही समस्या के निदान के तौर पर भी देख सकते हैं।

श्रीजन पुणे में रहते हैं और उनके इस आविष्कार को इसी अगस्त महीने में पेटेंट मिल गया है। वह इस आविष्कार में 2013 से लगे हुए थे। श्रीजन ने बताया कि उसे ताश-पत्ती खेलने का शौक था। इसके बाद इस खेल को आनलाइन खेलता था। तब, दिमाग में एक बात रहती कि सर्वर जो पत्ते हमें दे रहा, उसकी जानकारी तो उसे है। फिर यह खेल निष्पक्ष नहीं हो सकता। जबकि हम जब ताश खेलते हैं, तब ताश देने वाले को भी पता नहीं कि उसने कौन से पत्ते किसे दिए हैं।

यह बात दिमाग में चल रही थी कि इंटरनेट के खेल को पारदर्शी और निष्पक्ष कैसे बनाया जाए? इसी सोच और जुनून के कारण ही यह संभव हुआ। ढाई-तीन साल तो इसे समझने में लगा और इतना करीब इस विषय में प्रकाशित दुनिया के पेपर को देखने-पढ़ने में लगा। अब तक इस विषय यानी मेंटल पोकर पर 50 पेपर पिछले 40 साल में प्रकाशित हो चुके हैं, लेकिन प्रैक्टिकल समाधान किसी के पास नहीं था। हमने इसका प्रैक्टिकल समाधान प्रस्तुत किया। इस पर आज पेटेंट मिला। यह हमारे लिए दोहरी खुशी का सबब है। श्रीजन ने कहा कि जल्द ही इसे बाजार में लाया जाएगा।

इसके लिए काम हो रहा है। श्रीजन ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई संत थामस स्कूल मैनपुरी, उत्तरप्रदेश से की है। यहां से दसवीं के बाद डीएवी रांची से 12वीं की पढ़ाई की। इसके बाद आइआइटी हैदराबाद से बीटेक, एमएस, कंप्यूटर साइंस में किया है। 2006 में प्रथम प्रयास में आइआइटीजीईई में 3354 रैंक और एआइईईई में 1957 रैंक प्राप्त किया था। श्रीजन के पिता एसके सिंह पंजाब नेशनल बैंक में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान रामगढ़ व सरायकेला में निदेशक थे। श्रीजन की मां लोरेटो कान्वेंट रांची में कंप्यूटर साइंस की अध्यापिका हैं। श्रीजन की बहन भी अमेजन में साफ्टवेयर इंजीनियर हैं।

क्या है क्रिप्टोग्राफी

क्रिप्टोग्राफी को हिंदी में कूट लेखन या बीज लेखन कहते हैं। यह किसी छुपी हुई सूचना के अध्ययन की प्रक्रिया को कहते हैं। वैसे कूट लेखन का इतिहास बहुत पुराना है, लेकिन आज इस तकनीकी युग में कंप्यूटर विज्ञान या इंटरनेट की दुनिया में इसका काफी इस्तेमाल होता है। एटीएम कार्ड, कंप्यूटर पासवर्ड और इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य- ये सभी कूटलेखन पर निर्भर करते हैं। हर आदमी कोई न कोई कोड इस्तेमाल करता है। यह कोड ही कूट है या बीज। क्रिप्टोग्राफी के अंदर का क्षेत्र है मेंटर पोकर।

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