Coronavirus Update: कोविड वार्ड में 2 घंटे फर्श पर पड़ा रहा संक्रमित, बुलाने पर भी नहीं आया कोई

Coronavirus Update रामगढ़ के भुरकुंडा का रहने वाला कैंसर पीड़ित गंभीर मरीज है। पिता के फर्श पर गिरने के बाद बेटा चिकित्सक व कर्मियों को बुलाता रहा पर किसी ने सुध नहीं ली।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 09:42 AM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 10:31 AM (IST)
Coronavirus Update: कोविड वार्ड में 2 घंटे फर्श पर पड़ा रहा संक्रमित, बुलाने पर भी नहीं आया कोई
Coronavirus Update: कोविड वार्ड में 2 घंटे फर्श पर पड़ा रहा संक्रमित, बुलाने पर भी नहीं आया कोई

रांची, जासं। रिम्स के कोविड वार्ड में गंभीर संक्रमित मरीजों का इलाज होता है। इलाज तक तो ठीक है पर रिम्स की व्यवस्था पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। सोमवार को रिम्स के कोविड वार्ड से एक फोटो वायरल हुई जिसमें एक कोरोना पॉजिटिव गंभीर मरीज अपने बेड से फर्श पर गिरा पड़ा रहा। करीब 2 घंटे तक फर्श पर बेसुध पड़े रहने के बाद भी ना तो कोई चिकित्सक उसे देखने आए और ना किसी कर्मी ने उसे उठाना मुनासिब समझा।

नतीजा यह हुआ कि 2 घंटे के बाद होश आने पर वह किसी तरह खुद से मशक्कत कर बेड पर चढ़ा। उसके बेटे आयुष ने बताया कि उसके पिता कोरोना पॉजिटिव हैं। दोपहर करीब ढाई बजे उसे कोविड वार्ड में भर्ती किया गया था। वह कैंसर से पीड़ित हैं। संक्रमित का कीमो होना था लेकिन कोविड पॉजिटिव होने के कारण नहीं हो सका।

ऐसे में रात करीब 9 बजे वे बाथरूम जाने के लिए उठने लगे और चक्कर खाकर फर्श पर गिर पड़े। 11 बजे के करीब बेटे ने फर्श पर गिरा देख सुरक्षाकर्मियों को मदद के लिए बुलाया, पर कोई आगे नहीं आया। नतीजन रात 9 बजे से 11 बजे तक संक्रमित कैंसर पीड़ित गंभीर मरीज फर्श पर बेसुध पड़ा रहा।

पहले भी हो चुकी है कोविड वार्ड में ऐसी घटना

रिम्स के कोविड वार्ड में पिछले महीने भी ऐसी घटना घट चुकी है। कोविड वार्ड से एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें 2-3 मरीज फर्श पर पड़े थे। मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लेते हुए डीसी को जांच का निर्देश दिया था। डीसी को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में कोविड टास्क फोर्स की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए थे। एक बार फिर वैसी ही तस्वीर प्रबंधन की लापरवाही का सबूत दे रही है।

'संभव है कि मरीज किसी तरह बेड से नीचे गिर गया होगा, लेकिन 2 घंटे तक उसे कोई देखने या उठाने नहीं पहुंचा, यह ग़लत आरोप है। मरीज के भर्ती होने के बाद मैं खुद मरीज की स्थिति जाकर देख चुका हूं। इलाज से संबंधित उचित दिशा निर्देश भी चिकित्सकों को दिया जा चुका है।' -डॉ प्रभात कुमार, सदस्य, कोविड टास्क फोर्स, रिम्स।

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