रामेश्‍वर उरांव ने पीएम मोदी के आर्थिक पैकेज का स्‍वागत किया, बोले- जीवन के साथ जीविका भी चाहिए

Jharkhand. झारखंड के वित्त मंत्री ने कहा कि जीवन के साथ जीविका भी चाहिए क्योंकि आधुनिक परिस्थिति में जीविका के बिना जीवन पर भी संकट आना स्वभाविक है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Wed, 13 May 2020 04:02 PM (IST) Updated:Wed, 13 May 2020 04:11 PM (IST)
रामेश्‍वर उरांव ने पीएम मोदी के आर्थिक पैकेज का स्‍वागत किया, बोले- जीवन के साथ जीविका भी चाहिए
रामेश्‍वर उरांव ने पीएम मोदी के आर्थिक पैकेज का स्‍वागत किया, बोले- जीवन के साथ जीविका भी चाहिए

चतरा, जासं। झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक पैकेज की सराहना की है। वित्त मंत्री बुधवार को चतरा आए हुए थे। स्थानीय परिषदन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष डा. उरांव ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रधानमंत्री का आर्थिक पैकेज स्वागत योग्य है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जब तक पैकेज की पूरी नीति से अवगत नहीं होंगे, इस पर विशेष कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं। चूंकि सुनने में यह भी आ रहा है कि इससे पूर्व केंद्र ने आठ लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया है, वह इसमें जुड़ा हुआ है।

यदि ऐसा है, तो फिर यह पैकेज 12 लाख करोड़ रुपये का ही माना जाएगा। ऐसे में हम अपनी प्रतिक्रिया तब देंगे, जब यह स्‍पष्‍ट हो जाएगा कि तीन वर्गों में इकोनोमी के किस सेक्टर में कितना मदद किया जाएगा। आर्थिक पैकेज का लाभ तो मुख्य रूप से गरीब, किसान, मजदूराें को मिलना चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि जीवन के साथ जीविका के संतुलन को बनाना होगा। नोवेल कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि जीवन के साथ जीविका भी चाहिए, क्योंकि आधुनिक परिस्थिति में जीविका के बिना जीवन पर भी संकट आना स्वाभाविक है।

इसे देखते हुए आर्थिक गतिविधियों को गति देने की कोशिश निरंतर जारी है। डा. उरांव ने कहा कि लॉकडाउन-4 में कुछ रियायत और छूट दी जाएगी। केंद्र सरकार का निर्देश आने के बाद झारखंड सरकार फैसला लेगी। खाद्य आपूर्ति मंत्री ने कहा कि खाद्यान्नों को लेकर कुछ शिकायतें मिली थी। इसकी जांच के लिए उपायुक्त को निर्देश दिया था। बाद वे स्वयं वस्तुस्थिति की जानकारी लेने के लिए आ गए।

डा. उरांव ने कहा कि चतरा जिले के 23 हजार परिवारों का राशन कार्ड नहीं है। उसमें से पंद्रह हजार को जिला प्रशासन ने विभिन्न माध्यमों से खाद्यान्न उपलब्ध कराया है। शेष बचे हुए सात हजार को राशन उपलब्ध कराने के लिए उपायुक्त को दिशा-निर्देश दिया गया है। दो दिनों के भीतर उन्हें राशन मुहैया करा दिया जाएगा। इससे पूर्व वित्त मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की और राहत कार्य की समीक्षा की। मंत्री के साथ राज्य सभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू भी थे।

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