चूरी भूमिगत खदान में आग लगने के बाद कैंप कर रहे अधिकारी

सीसीएल की एनके एरिया स्थित चूरी भूमिगत कोयला खदान में आग लगने के बाद एनके महाप्रबंधक संजय कुमार सहित अन्य अधिकारी नजर रखे हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 08:08 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 08:08 PM (IST)
चूरी भूमिगत खदान में आग लगने के बाद कैंप कर रहे अधिकारी
चूरी भूमिगत खदान में आग लगने के बाद कैंप कर रहे अधिकारी

डकरा : सीसीएल की एनके एरिया स्थित चूरी भूमिगत कोयला खदान में आग लगने के बाद एनके महाप्रबंधक संजय कुमार के अलावा कई अधिकारी कैंप कर लगातार नजर रख रहे हैं। मंगलवार को खदान के मुख्य दोनों मुहानों में बालू भरी बोरी रखकर मिट्टी और गोबर से लेप चढ़ाया जा रहा था, ताकि बाहर से हवा खदान के अंदर प्रवेश नहीं कर सके। साथ ही कोयले की अगलगी से निकल वाली मिथेन गैस के रिसाव को रोका जा सके। खदान के अंदर से पाइप बाहर निकाला गया है, जिससे मिथेन गैस मापक उपकरण से वस्तुस्थिति का पता चलता रहे। माइंस सेफ्टी अधिकारियों ने बताया कि आग बुझाने के लिए खदान के ऊपर से बोर कर नाइट्रोजन गैस डाली जाएगी। ताकि, आग पर जल्द काबू पाया जा सके। जेसीसी सदस्य ललन प्रसाद सिंह ने अपने बयान में कहा कि उमस भरी गर्मी में आग लगना कोयले का स्वाभाविक गुण है। इस वक्त किसी पर दोषारोपण करना उचित नहीं है। सभी को मिलजुल कर खदान पूर्व की भाति जल्द चालू हो इस पर प्रबंधन का सहयोग करने की जरूरत है।

---

प्रबंधन की चूक के कारण लगी आग : मनोज

सीसीएल सेफ्टी बोर्ड के सदस्य मनोज कुमार रजक ने कहा कि एक वर्ष पूर्व चूरी भूमिगत खदान में चार सौ करोड़ की लागत से कंटीन्यूअस माइनर मशीन लगाकर उच्च तकनीक से कोयला उत्पादन की शुरुआत की गई थी। पर, परियोजना में कार्यरत अधिकारियों की थोड़ी सी चूक से सीसीएल को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। खदान के अंदर आग और पानी से कीमती मशीनें बर्बाद हो सकती हैं। उन्होने जाच कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की माग की है, ताकि भविष्य में राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा में कोई लापरवाही न हो।

chat bot
आपका साथी