NTPC के उत्तरी कर्णपुरा थर्मल पावर प्रोजेक्‍ट से जाम हटा, 12 घंटे बाद उठा दोनों मजदूरों का शव

मुआवजा के रूप में मृतक बाबूलाल चौधरी के परिवार को 12.50 लाख और अर्जुन कुमार यादव के परिजन को 14.50 लाख रुपये दिए जाएंगे। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 07 Feb 2020 05:36 AM (IST) Updated:Fri, 07 Feb 2020 05:36 AM (IST)
NTPC के उत्तरी कर्णपुरा थर्मल पावर प्रोजेक्‍ट से जाम हटा, 12 घंटे बाद उठा दोनों मजदूरों का शव
NTPC के उत्तरी कर्णपुरा थर्मल पावर प्रोजेक्‍ट से जाम हटा, 12 घंटे बाद उठा दोनों मजदूरों का शव

चतरा, जेएनएन। एनटीपीसी के निर्माणाधीन उत्तरी कर्णपुरा मेगा ताप परियोजना के मुख्य द्वार पर किया गया सड़क जाम रात साढे दस बजे हटा दिया। जाम हटते टंडवा थाना पुलिस ने दोनों शवों को अपने कब्जे में करते हुए थाना ले आई और सुबह होते ही पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। त्रिपक्षीय वार्ता के बाद मजदूरों ने जाम को हटाया है। अनुमंडल पदाधिकारी दीपू कुमार के पहल पर यह वार्ता हुई। जिसमें तय हुआ है कि एनटीपीसी में काम कर रही सहयोगी कंपनी भेल और भवानी इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों मृतकों के परिवारों को नियम के अनुकूल मुआवजा भुगतान करेगा और जख्मियों के उचित इलाज कराएगा।

मुआवजा के रूप में मृतक बाबूलाल चौधरी के परिवार को 12.50 लाख और अर्जुन कुमार यादव के परिजन को 14.50 लाख रुपये दिए जाएंगे। बताते चलें कि एनटीपीसी के निर्माणाधीन परियोजना में किरान से गार्डर चढाने के दौरान चालीस टन का लोहे का विशाल खंभा गिर जाने से दो मजदूरों की मौत हो गई थी तथा तीन जख्मी हो गए। घटना के बाद से वर्कर आक्रोशित हो गए और मुआवजे की मांग को लेकर एनटीपीसी के मुख्य गेट कै जाम कर दिया था। मजदूरों ने करीब बारह घंटों तक जाम रखा। उसके बाद वार्ता हुई और जाम को हटाया।

एनटीपीसी में चैनल गार्डर गिरने से दो मजदूरों की मौत, तीन जख्मी

एनटीपीसी के  उत्तरी कर्णपुरा पावर प्लांट निर्माण कार्य के दौरान गुरुवार को एक बड़ा हादसा हो गया। भेल के सुरक्षा अधिकारियों की लापरवाही के कारण दो मजदूरों की मौत हो गई तथा तीन घायल हैं। ज्ञात हो कि एनटीपीसी की सहयोगी कंपनी भवानी इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा प्लांट के दो नंबर व्यालर में चैनल गार्डर लगाया जा रहा था। इसी दौरान अचानक क्रेन का हुक टूट गया और चालीस टन वाला लोहा नीचे गिर गया। नीचे खड़े मजदूर अर्जुन कुमार यादव और बाबूलाल चौधरी की मौके पर ही मौत हो गई।

अर्जुन पलामू जिले के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के चांदनी गांव का तथा बाबूलाल गढ़वा जिले के करियाडीह खरौंधी गांव का निवासी था। वहीं जख्मी दीपक कुमार हजारीबाग केइचाक प्रखंड के झारपो, सुरेंद्र चौधरी एवं रामानुज रवि हुसैनाबाद जपला के रहने वाले हैं। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रांची के मेदांता हॉस्पिटल भेजा गया है। घटना के बाद प्लांट क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई।

चतरा में आक्रोशित मजदूरों ने प्रबंधन के खिलाफ खोला मोर्चा

मजदूरों ने कार्य बंद कर मृतक के आश्रितों को उचित मुआवजा की मांग को लेकर प्लांट के मुख्य द्वार को जाम कर दिया। प्लांट से किसी वाहन व शव को बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा था। मजदूरों का कहना था कि दो अन्य मजदूरों की मौत हुई है जिसे प्रबंधन द्वारा छिपाया जा रहा है। इसे लेकर दिन भर भ्रम की स्थिति बनी रही। एनटीपीसी के मुख्य महाप्रबंधक एमवीआर रेड्डी ने घटना के प्रति दुख जताते हुए कहा कि मृतक मजदूरों के प्रति उनकी पूरी सहानुभूति है। दुख कीइस घड़ी में वे पीडि़त परिवारों के साथ हैं। रेड्डी ने कहा कि मृतकों के आश्रित को उचित मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही घायलों का बेहतर उपचार कराया जाएगा। उनके आश्वासन के बाद मजदूर माने।

कैसे हुई चूक       

प्लांट निर्माण में किसी भी भारी भरकम लोहे को चढ़ाने के लिए सुरक्षा नियमों का पूरा ख्याल रखा जाता है। सुरक्षा अधिकारियों की मौजूदगी में कार्य किया जाता है। लेकिन गुरुवार को घटित घटना में सुरक्षा नियमों में भारी चूक नजर आई। लोहा चढ़ाने के पूर्व क्रेन से चैनल को उठा कर कुछ देर टेस्ट के लिए छोड़ा जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और न ही व्यालर का नट-बोल्ट एक-एक कर लगाया गया था। सभी नट बोल्ट एक साथ ही खोल कर चैनल लगाया जा रहा था। इसी दौरान झटका होने के उपरांत क्रेन का हुक टूट गया।

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