अब ऐसे होगी विमानों की निगरानी, परिचालन का कार्य होगा आसान

नए टावर के रडार व अन्य उपकरण ज्यादा उन्नत होने से भी यातायात नियंत्रण बेहतर हो सकेगा।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Mon, 11 Dec 2017 02:07 PM (IST) Updated:Mon, 11 Dec 2017 02:07 PM (IST)
अब ऐसे होगी विमानों की निगरानी, परिचालन का कार्य होगा आसान
अब ऐसे होगी विमानों की निगरानी, परिचालन का कार्य होगा आसान

रांची, नरेंद्र कुमार मिश्र। रांची एयरपोर्ट पर अब विमानों की लैंडिंग और उसकी निगरानी और आसान हो जाएगी। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर नया एटीसी- एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर बन कर तैयार हो गया है। एटीएस-एयर ट्रैफिक सिस्टम रडार आनेवाले दिनों में अगर एक समय में 10 विमानों की लैंडिंग भी बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर करवानी पड़ेगी, तो आसानी से कार्य करेगा।

रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर जल्द ही व्यवस्था में बदलाव देखने को मिलेगा। नया एटीसी सिस्टम शुरू होते ही रांची एयरपोर्ट पर विमानों का परिचालन आसान हो जाएगा। नया एटीसी टावर अत्याधुनिक है। इसके जरिये 100 नॉटिकल माइल तक की दूर पर मौजूद विमानों का पता चल जाएगा। वर्तमान में एयरपोर्ट पर मौजूद एटीसी रडार की क्षमता इतनी नहीं है।

चल रहा प्रशिक्षण का कार्य:

नवनिर्मित टावर की ऊंचाई 35 मीटर है। नए टावर के लिए फिलहाल प्रशिक्षण का काम चल रहा है। कर्मचारियों को नए उपकरणों व प्रणालियों पर प्रशिक्षित दिया जा रहा है। साथ ही, उपकरणों की विश्वसनीयता की जांच भी चलती रहेगी। हवाई यातायात नियंत्रक को बेहतर दृश्य क्षेत्र का लाभ होगा। नए टावर के रडार व अन्य उपकरण ज्यादा उन्नत होने से भी यातायात नियंत्रण बेहतर हो सकेगा। विमान का परिचालन और आसान हो जाएगा। विमानों का अतिरिक्त दबाब झेलने के लिए भी एयरपोर्ट सक्षम होगा। नया एटीसी भवन अत्याधुनिक उपकरण से लैस होगा। इसके सहारे एक साथ कई विमान पर नजर रखना आसान हो जाएगा।

नए भवन में काम होगा आसान :

वर्तमान में जिस एटीसी बिल्डिंग से कार्य हो रहा है, उसकी लंबाई मात्र 16.17 मीटर है। इससे एयरपोर्ट का पूरा ऑपरेशन एरिया दिखाई नहीं देता है। इस परेशानी को देखते हुए एयरपोर्ट प्रबंधन ने नई एटीसी बिल्डिंग बनाने का निर्णय लिया था। एयरपोर्ट अधिकारी की मानें तो नए टर्मिनल के साथ नया एटीसी भवन भी बनना जरूरी था। लगभग 30 साल पुराना हो चुके एटीसी भवन के सभी उपकरण पुराने हो चुके थी। रांची एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा की ओर कदम बढ़ा रहा है।

भविष्य में अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा के शुरू होने पर इस भवन की उपयोगिता बढ़ जाएगी। आठ मंजिला एटीसी भवन की ऊंचाई करीब 35 मीटर है। यहां से एयरपोर्ट के सभी एरिया पर नजर रखना आसान हो जाएगा। नए भवन के दूसरे फ्लोर पर ऑफिस, तीसरे, चौथे और पांचवें फ्लोर पर मौसम विभाग का ऑफिस पायलटों के लिए सभागार और संचार व्यवस्था का कक्ष होगा। सातवें और आठवें तल पर कंट्रोल रूम बनाया जाएगा।  

लगाए जाएंगे अत्याधुनिक यंत्र

नया एटीसी भवन अत्याधुनिक यंत्रों से लैस होगा। इसमें कई स्वचालित मशीनें लगाई जाएंगी। ऑटोमेशन सिस्टम से एक साथ विमान संचालन की सभी गतिविधियों को कंट्रोल किया जाएगा। एटीसी सिस्टम से रूट में पायलट के साथ लगातार संपर्क बनाए रखने के लिए वीएचएफ- वेरी हाई फ्रिक्वेंसी सिस्टम लगाया जाएगा। मौसम की जानकारी के लिए डैटिस सिस्टम उपलब्ध होगा। वीसी, सीएस और एमएसएस सिस्टम एक ही आधार पर काम करेगा। इससे संचालक को काम करने में आसानी होगी। इसके अलावा और कई आवश्यक आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे।

नया एटीसी सिस्टम से काम करने में आसानी होगी। अत्याधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। विमानों के वर्तमान लोकेशन के साथ पायलट से भी संपर्क बना रहेगा। कम्यूनिकेशन गैप की संभावना जीरो होगी।

-अनिल विक्रम, निदेशक, बिरसा मुंडा एयरपोर्ट, रांची

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