झारखंड में अब वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर, ऐसे काम करेगा सेंटर

दुष्कर्म पीड़िता के इलाज से जुड़े तमाम उपायों के साथ-साथ कानूनी तौर पर भी उसे मदद देने के लिए चिकित्सक को गवाही देनी होगी।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Wed, 25 Apr 2018 11:00 AM (IST) Updated:Wed, 25 Apr 2018 11:00 AM (IST)
झारखंड में अब वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर, ऐसे काम करेगा सेंटर
झारखंड में अब वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर, ऐसे काम करेगा सेंटर

प्रदीप सिंह, रांची। दुष्कर्म की बढ़ती वारदातों से निपटने के लिए झारखंड सरकार ने सख्त आदेश जारी किए हैं। इसके लिए पूर्व में ही केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए निर्देश के अनुसार एक ही छत के नीचे दुष्कर्म पीड़िता को तमाम सहूलियतें दी जाएंगी। उनके इलाज से लेकर तमाम प्रबंधन का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारियों के कंधे पर होगा। स्वास्थ्य विभाग ने इस बाबत जारी आदेश में कहा है कि किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी जिम्मेदार लोगों को इस नई व्यवस्था के अनुसार पूरी गंभीरता से काम करना होगा।

दुष्कर्म पीड़िता के इलाज से जुड़े तमाम उपायों के साथ-साथ कानूनी तौर पर भी उसे मदद देने के लिए चिकित्सक को गवाही देनी होगी। आदेशानुसार लेडी डॉक्टर ही दुष्कर्म पीड़िता की जांच करेंगी। सिविल सर्जन पूरे मामले की देखरेख करेंगे। स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे खुद इसकी मॉनिटरिंग करेंगी, ताकि किसी प्रकार की खामी न रहे।

साक्ष्यों को बचाने की भी जिम्मेदारी

दुष्कर्म के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है। सेंटर के मार्फत जहां दुष्कर्म पीड़िता का तत्काल इलाज संभव हो सकेगा, वहीं दुष्कर्म से जुड़े साक्ष्यों को एकत्र करना और सुबूत नष्ट होने से भी बचाना भी है ताकि अदालत में दुष्कर्मियों को सजा दिलाई जा सके।

ऐसे काम करेगा सेंटर

-रांची सदर अस्पताल में सेंटर की स्वीकृति। केंद्र सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक होंगे सारे काम

-सेंटर के पूर्ण प्रबंधन की जिम्मेदारी सिविल सर्जन, रांची की होगी

-रोज सुबह नौ से शाम चार बजे तक एएनएम या नर्स की ड्यूटी लगेगी

-सभी रजिस्टर और एकाउंट की भी जिम्मेदारी प्रतिनियुक्त एएनएम या नर्स की होगी।

-शाम चार बजे के बाद सेंटर की चाबी लेबर रूम में, ताकि इसके बाद आने वाले दुष्कर्म के मामलों का निष्पादन और देखरेख हो सके

 -दुष्कर्म से संबंधित किसी भी मामले की जांच लेबर रूम में ड्यूटी पर मौजूद लेडी डॉक्टर ही करेंगी।

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