Jharkhand में शिक्षकों की बहाली पर रोक, हजारों अभ्‍यर्थियों का भविष्‍य दांव पर... जानें बड़ी वजह

Jharkhand News Teachers News झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा हाई स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति तथा परीक्षा परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी गई है। इससे इन जिलों में सभी विषयों में रिक्त रह गए प्राथमिक शिक्षकों के आरक्षित पदों पर भी सीधी नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लग गई।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 09:38 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 01:51 AM (IST)
Jharkhand में शिक्षकों की बहाली पर रोक, हजारों अभ्‍यर्थियों का भविष्‍य दांव पर... जानें बड़ी वजह
Jharkhand News, Teachers News: प्राथमिक शिक्षकों की सीधी नियुक्ति तथा इतिहास-नागिरक विषय में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News, Teachers News राज्य के 11 गैर अनुसूचित जिलों में हाई स्कूल शिक्षकों की होनेवाली नियुक्ति तथा परीक्षा परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी गई है। कार्मिक विभाग ने महाधिवक्ता के परामर्श के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग तथा स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को रोक संबंधित पत्र भेज दिया। इससे इन जिलों में सभी विषयों में रिक्त रह गए प्राथमिक शिक्षकों के आरक्षित पदों पर सीधी नियुक्ति तथा इतिहास-नागिरक विषय में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लग गई है।

दरअसल, कार्मिक विभाग ने पिछले वर्ष 13 नवंबर को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को पत्र भेजकर कहा था कि झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश से इन 11 जिलों में नियुक्ति में कोई अड़चन नहीं है। इसके बाद आयोग ने नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ाते हुए जहां इतिहास-नागरिक विषय के शिक्षकों की नियुक्ति की अनुशंसा स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को कर दी थी।

वहीं, रिक्त रह गए प्राथमिक शिक्षकों के लिए आरक्षित पदों पर सीधी भर्ती के अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए प्रमाणपत्रों की जांच की प्रक्रिया पूरी की जा रही थी। अब कार्मिक विभाग ने 18 फरवरी को आयोग को पत्र भेजकर महाधिवक्ता के परामर्श का हवाला देते हुए नियुक्ति तथा परीक्षा परिणाम जारी करने पर राेक लगा दी है। साथ ही 23 नवंबर को जारी अपने पत्र को वापस ले लिया है।

बता दें कि झारखंड उच्च न्यायालय ने 13 अनूसूचित जिलों में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति रद करने का आदेश दिया है। इन जिलों के अभ्यर्थियों ने इस आदेश के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील भी की है। बताया जाता है कि महाधिवक्ता ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश आने के बाद ही नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का परामर्श दिया है।

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