शिबू सोरेन के कुनबे में चौड़ी हो रही दरार, सगे भाई ने बनाई नई पार्टी; हेमंत पर लगाए आरोप

झामुमो के प्रमुख शिबू सोरेन के कुनबे में दरार चौड़ी हो रही है। उनके सगे भाई लालू सोरेन ने हीं उनसे इतर राजनीतिक खेमेबंदी तेज कर दी है

By Edited By: Publish:Mon, 10 Sep 2018 07:01 AM (IST) Updated:Mon, 10 Sep 2018 02:54 PM (IST)
शिबू सोरेन के कुनबे में चौड़ी हो रही दरार, सगे भाई ने बनाई नई पार्टी; हेमंत पर लगाए आरोप
शिबू सोरेन के कुनबे में चौड़ी हो रही दरार, सगे भाई ने बनाई नई पार्टी; हेमंत पर लगाए आरोप

रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रमुख शिबू सोरेन के कुनबे में दरार चौड़ी हो रही है। उनके सगे भाई लालू सोरेन ने हीं उनसे इतर राजनीतिक खेमेबंदी तेज कर दी है। रविवार को यहां उनकी मौजूदगी में नए दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (उलगुलान) का गठन हुआ। इस मौके पर लालू सोरेन ने शिबू सोरेन के खिलाफ तो कुछ नहीं कहा, लेकिन अपने भतीजे हेमंत सोरेन पर जमकर बरसे। कहा, हेमंत सोरेन ने परिवार के लोगों को इज्जत नहीं दी। बाहरी लोगों को पार्टी में प्रमुख पद सौंप दिए गए।

उन्होंने कुछ नेताओं के नाम गिनाते हुए सवाल उठाए कि उन्हें झारखंड की चौहद्दी की जानकारी नहीं होगी लेकिन हेमंत सोरेन ने उन्हें सर्वेसर्वा बनाए रखा है। लालू सोरेन दो बार बेरमो और एक दफा गोमिया से चुनाव लड़ चुके हैं। बातचीत में वे शिबू सोरेन के लिए भावुक होते हैं लेकिन हेमंत सोरेन के प्रति उनकी नाराजगी झलकती है। कहते हैं-शिबू सोरेन बड़े भाई हैं। बड़ा भाई बाप के समान होता है। उन्हें कुछ लोग बरगला चुके हैं। शिबू सोरेन से उन्हें कोई शिकायत नहीं है। उन्हें इस बात का दुख है कि उनका नाम तक झारखंड आंदोलनकारी में दर्ज नहीं है जबकि उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई है।

विनोद बिहारी महतो, शिबू सोरेन और एके राय के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा को आगे बढ़ाया है। उन्हें इस बात का दुख है कि अलग राज्य के आंदोलन के दौरान सक्रिय रहे नेता हाशिये पर चले गए और चाटुकारों ने संगठन पर कब्जा जमा लिया। उन्होंने दावा किया कि पार्टी की केंद्रीय समिति चुनाव लड़ने पर फैसला करेगी। वे मजबूती के साथ विकल्प देना चाहते हैं।

एक साथ आए मार्डी और बेसरा
झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। रविवार को नए दल के सम्मेलन में दोनों ने मौजूदगी दर्ज कराई और कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे मजबूती के साथ जुटें। उन्होंने कहा कि संगठन को आगे बढ़ाना है। 17-18 जिलों के लोग सम्मेलन में आए हैं। कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है। अन्य स्थानों पर भी कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पार्टी की भागीदारी पर विचार होगा।

झारखंड आंदोलन के कद्दावर नेता सूर्य सिंह बेसरा ने भी सम्मेलन में मौजूदगी दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि झारखंड नामधारी दलों को एकजुट करने की योजना है। इससे जनता को एक विकल्प मिलेगा। झारखंड ने सभी पार्टियों को देख लिया है। सबने झारखंड के साथ छल किया है। सम्मेलन में कृष्ण मुरारी सिंह, विनय कृष्ण, बेनीलाल महतो, अर्जुन राम समेत अन्य नेता मौजूद थे।

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