हर कंपनी से 30 फीसद लेवी वसूलता था उग्रवादी अखिलेश गोप

रांची पुलिस ने पीएलएफआइ के सबजोनल कमांडर अखिलेश गोप को चार दिनाों के लिए रिमांड पर लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 03:05 AM (IST) Updated:Mon, 18 Nov 2019 03:05 AM (IST)
हर कंपनी से 30 फीसद लेवी वसूलता था उग्रवादी अखिलेश गोप
हर कंपनी से 30 फीसद लेवी वसूलता था उग्रवादी अखिलेश गोप

फहीम अख्तर, रांची :

रांची पुलिस ने पीएलएफआइ के सबजोनल कमांडर अखिलेश गोप को चार दिनों की रिमांड पर लिया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। पूछताछ में उसने बताया है कि वह पीएलएफआइ में उत्तरी क्षेत्र का कमांडर है। उसके संगठन का सुप्रीमो दिनेश गोप खूंटी और चाईबासा इलाके में ठिकाने बदल-बदल कर रहता है। संगठन के लिए अखिलेश गोप हर निर्माण कार्य कर रही कंपनी और योजनाओं का काम करवाने वालों से 30 फीसद लेवी की रकम वसूलता था। लेवी से इन्कार करने पर वह हमला व आगजनी की घटनाओं को अंजाम देता था। संगठन के लिए बिहार के नालंदा से हथियार मंगवाया जाता है। हथियार मंगवाने और लेवी के रकम को रखवाने का काम खुद सुप्रीमो दिनेश गोप देखता है। अखिलेश ने पुलिस को बताया है कि रांची के पश्चिमी क्षेत्र के लिए विनोद सांगा उर्फ झुबलू मुंडा, दक्षिणी क्षेत्र के लिए राजेश गोप और पूर्वी क्षेत्र में पुनई उरांव एरिया कमांडर है। 11वीं में दाखिले के बाद ही बन गया था उग्रवादी :

अखिलेश गोप ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि वह बिरसा कॉलेज खूंटी में 11वीं में दाखिला के बाद ही उग्रवादी बन गया था। वह खूटी के बमरजा में दिनेश साव के संपर्क में आया था। इसके बाद वर्ष 2014 में पीएलएफआइ संगठन से जुड़ गया था। इसके बाद दिनेश साव के संरक्षण में रहकर ग्रामीणों को संगठन में जोड़ने के लिए नेटवर्किंग करने लगा था। सबसे पहले वर्ष 2014 के मार्च महीने में एक राशन डीलर से लेवी वसूलना शुरू किया था। पहली बार अपने भाई शैलेश गोप के साथ हथियार लेकर जाने के क्रम में पुलिस से सामना हुआ था। उस समय शैलेस पकड़ा गया था, लेकिन वह भाग निकला था। इसके बाद से लगातार पुलिस को चकमा देकर भाग निकलता था। दिनेश साव के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद से वह एरिया कमांडर के रूप में रांची-खूंटी बॉर्डर का कमान संभाल रहा था। इंवेस्टमेंट का पता लगा रही पुलिस :

पुलिस अखिलेश गोप द्वारा वसूले गए लेवी की रकम को इंवेस्ट करने की जानकारी जुटा रही है। पूछताछ में यह पता लगाया जा रहा है कि अखिलेश गोप ने रांची के किन इलाकों और जमीन कारोबारियों के सहयोग से जमीन पर रुपये इंवेस्ट करवाया है। डीएसपी हरिश्चंद्र सिंह, डीएसपी संजय कुमार, नगड़ी, कर्रा, तुपुदाना सहित कई थानों की पुलिस पूछताछ कर रही है। बता दें कि बीते 13 अक्टूबर को रांची और खूंटी पुलिस ने अखिलेश गोप, हार्डकोर विनोद सांगा उर्फ झुबलू सहित 13 उग्रवादियों को जेल भेजा था। वे कर्रा के पदमपुर निवासी रवि महतो की हत्या की योजना बनाते पकड़े गए थे। उसकी दिनदहाड़े हत्या की जानी थी। इनके पकड़े जाने के बाद नगड़ी और कर्रा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इनके पास से 7.65 एमएम की दो पिस्टल, दो देशी कट्टा, 7.65 बोर की 16 गोलियां, प्वाइंट 315 बोर की तीन गोलियां, 24 मोबाइल, स्कॉर्पियो कार, स्विफ्ट डिजायर कार, एक बाइक और पीएलएफआइ का दो पर्चा बरामद किया गया था। इन मामलों में रहा है शामिल :

अखिलेश ने स्वीकार किया है कि उसने वर्ष 2016 में कर्रा में दशरथ साहू व निशा कुमार, अनिल पारदिया व नंदकिशोर महतो की हत्या, तुपुदाना के हुड़िंगदाग में जाकिर अंसारी सहित छह की हत्या, नगड़ी में लेवी के लिए बाबू खान की हत्या, चेटे गांव में कंस्ट्रक्शन साइट पर लगे इंजीनियर और सुपरवाइजर की हत्या की थी। हाल में बीते 3 नवंबर की रात बंडा गांव में पांच लाख लेवी के लिए ट्रैक्टर में आगजनी और मजदूर पर गोलीबारी की थी। इसके अलावा कई जगहों से पीएलएफआइ उग्रवादियों के पकड़े जाने के दौरान फरार हो जाता था। अखिलेश के खिलाफ रांची के तुपुदाना, इटकी, नगड़ी, खूंटी के जरियागढ़, खूंटी, लापुंग और कर्रा थाने में मामले दर्ज हैं।

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