समाज में संघ की स्वीकार्यता बढ़ी: मनमोहन वैद्य

प्रति वर्ष एक लाख से ऊपर 14 से 40 आयु वर्ग के युवक इस तरह के प्रशिक्षण वर्ग में आ रहे हैं।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Tue, 06 Feb 2018 01:23 PM (IST) Updated:Tue, 06 Feb 2018 03:30 PM (IST)
समाज में संघ की स्वीकार्यता बढ़ी: मनमोहन वैद्य
समाज में संघ की स्वीकार्यता बढ़ी: मनमोहन वैद्य

संजय कुमार, रांची। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा है कि समाज में संघ की स्वीकार्यता बढ़ी है। इसका प्रमाण है देश में तेजी से शाखाओं की संख्या बढ़ना एवं 'ज्वाइन आरएसएस' के माध्यम से लोगों का जुड़ना। उन्होंने कहा कि समाज में सद्भाव कैसे बना रहे, इस पर भी संघ जोर दे रहा है। इसका असर दिखने लगा है। राजनीतिक दलों द्वारा अपने तात्कालिक लाभ के लिए समाज में जातिगत भेद और विद्वेष पैदा करने का काम किया जाता है, लेकिन संघ के प्रयास से इसे निष्प्रभावी कर दिया जा रहा है।

अपने रांची प्रवास के दौरान उन्होंने दैनिक जागरण से विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। वैद्य ने कहा कि 2010 में जहां पूरे देश में 40 हजार दैनिक शाखाएं लगती थीं, वहीं 2012 में बढ़कर 41 हजार, 2016 में 56,800 एवं 2017 में 57,200 हो गई हैं। ताजा आंकड़े मार्च में आएंगे। संघ की वेबसाइट ज्वाइन आरएसएस के माध्यम से भी जुड़ने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। 2013 में जहां 28843 लोगों ने अपना अनुरोध भेजा, वहीं 2017 में संख्या बढ़कर एक लाख 25 हजार 726 हो गई है।

स्वयंसेवकों की संख्या पर उन्होंने कहा कि आरएसएस के कामों से जब 10 लोग जुड़ते हैं तो उनमें एक व्यक्ति सात दिनों के प्राथमिक शिक्षा वर्ग में भाग लेता है। प्रति वर्ष एक लाख से ऊपर 14 से 40 आयु वर्ग के युवक इस तरह के प्रशिक्षण वर्ग में आ रहे हैं। इस तरह प्रति वर्ष 10 लाख स्वयंसेवक संघ कार्य से जुड़ रहे हैं। संघ के आनुषांगिक संगठनों की संख्या पर उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय स्तर पर स्वयंसेवकों द्वारा संचालित 35 संगठन हैं।

कासगंज की घटना में शामिल लोगों पर हो कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन की हुई हत्या के संबंध में उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन देश में तिरंगा यात्रा निकालने के दौरान विरोध और हिंसा होना दुखद एवं गंभीर चिंता का विषय है। इस घटना की ठीक से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस पर जल्द फैसला आना चाहिए।

जातीय राजनीति से देश का नुकसान

अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख ने कहा कि आरएसएस अपने द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी के जन्मशताब्दी वर्ष 2006-07 से समाजिक सद्भाव पर जोर दे रहा है। संघ का मानना है कि समाज में जातीय राजनीति इस तरह हावी है कि उससे देश व समाज का नुकसान हो रहा है। इसे दूर करने के लिए संघ सामाजिक एवं धार्मिक नेताओं को एक साथ बैठाकर संवाद करने का काम करता है। इससे समाज में भेद पैदा करने वालों को लाभ नहीं मिल पाता और सभी वर्ग के लोगों में एकता का भाव फिर से उभर कर आ जाता है।

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