Bengal Election: आदिवासी वोटों के लिए तृणमूल कांग्रेस ने सरना धर्म कोड को लपका, बंगाल चुनाव में बनेगा मुद्दा

Bengal Chunav जनजातीय बहुल इलाकों में वोट में सेंधमारी की संभावना को देखते हुए तृणमूल कांगेस ने दांव चला है। सरना धर्म कोड झारखंड मुक्ति मोर्चा का एजेंडा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इसकी अनुशंसा की थी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 08:30 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 01:22 PM (IST)
Bengal Election: आदिवासी वोटों के लिए तृणमूल कांग्रेस ने सरना धर्म कोड को लपका, बंगाल चुनाव में बनेगा मुद्दा
Bengal Chunav तृणमूल कांग्रेस सरना धर्म कोड के पक्ष में है।

रांची, [प्रदीप सिंह]। Bengal Chunav जनगणना-2021 में आदिवासी समुदाय के लिए सरना धर्म कोड की मांग पर समर्थन का दायरा अब झारखंड की सीमा से बाहर निकल रहा है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बाबत सबसे पहले पहल की थी। उन्होंने विधानसभा का विशेष सत्र आहूत कर केंद्र सरकार को आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड जनगणना के कॉलम में शामिल करने का प्रस्ताव पारित कर भेजा था। इस निर्णय से जहां हेमंत सोरेन का राजनीतिक कद बढ़ा, वहीं झारखंड के पड़ोसी राज्यों में जनजातीय समुदाय के बीच उन्हें और लोकप्रिय बनाया।

उनकी सटीक रणनीति का ही प्रमाण है कि भाजपा को इसका समर्थन करना पड़ा। यही वजह है कि बंगाल के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भी सरना धर्म कोड के मुद्दे को लपक लिया है। तृणमूल इसके पक्ष में है कि जनगणना के कॉलम में आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड का प्रविधान किया जाना चाहिए। इसकी सबसे बड़ी वजह जनजातीय समुदाय की आबादी है, जो कई जिलों में चुनाव के परिणाम को प्रभावित कर सकती है। झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बंगाल चुनाव में मजबूती से उतरने का मन बनाया है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झाड़ग्राम में एक बड़ी रैली कर चुके हैं। झामुमो की बंगाल कमेटी से उन सीटों को चिह्नित करने का कहा गया है, जहां से झामुमो प्रत्याशी उतारेगा। झामुमो की इस कवायद को देखते हुए तृणमूल कांग्रेस ने सरना धर्म कोड के मुद्दे को लपका है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की झाड़ग्राम रैली के बाद तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उन्होंने बंगाल विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा की दिलचस्पी पर सवाल उठाए थे।

इसके जवाब में झामुमो ने भी सधी प्रतिक्रिया दी थी। झामुमो की रणनीति ज्यादातर जनजातीय सीटों पर प्रत्याशी देने की है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन भी बंगाल का दौरा करेंगे। फिलहाल झामुमो उपाध्यक्ष और हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री चंपई सोरेन और झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य रणनीति को अंजाम देने में लगे हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्पष्ट किया है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और तृणमूल का वैचारिक मुकाबला भाजपा से है। इसी को केंद्र में रखकर झामुमो बंगाल चुनाव में पूरी ताकत के साथ उतरेगा।

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