Mahashivratri 2021: महाशिवरात्रि पर इस बार 'शिव योग', भूलकर भी न करें ये काम; जानें मुहूर्त, महत्‍व और पूजा विधि

Mahashivratri 2021 Maha Shivratri Date 2021 इस बार की महाशिवरात्रि बेहद खास है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की सच्‍चे मन से आराधना करने पर जीवन के सारे कष्‍ट दूर हो जाते हैं। भगवान शंकर भक्‍त की हर इच्‍छा पूरी करते हैं।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 08:40 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 08:17 PM (IST)
Mahashivratri 2021: महाशिवरात्रि पर इस बार 'शिव योग', भूलकर भी न करें ये काम; जानें मुहूर्त, महत्‍व और पूजा विधि
Mahashivratri 2021: महाशिवरात्रि व्रत, मुहूर्त, महत्‍व और पूजा विधि...

रांची, जासं। Mahashivratri 2021, Maha Shivratri Date 2021 महाशिवरात्रि को कल्याणकारी शिव योग बन रहा है। इससे कई दोषों से मुुक्ति मिलेगी। हिंदू पंंचांग के अनुसार शिवरात्रि के दिन को बेहद खास माना जाता है। इस दिन भक्त भोलेनाथ की पूजा और व्रत करते हैं। हर साल यह पर्व फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि पर शिव योग के साथ घनिष्ठा नक्षत्र होगा और चंद्रमा मकर राशि में  रहेंगे। महाशिवरात्रि पर्व में रात्रि की प्रधानता रहती है। इस कारण 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व मनाना शास्त्र सम्मत होगा। 

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इस दिन सुबह 09 बजकर 22 मिनट तक महान कल्याणकारी 'शिवयोग'  रहेगा। उसके बाद सभी कार्यों में सिद्धि दिलाने वाला 'सिद्धयोग' आरम्भ हो जाएगा। अनीष व्यास ने बताया कि चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 11 मार्च को दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 12 मार्च को दोपहर 3 बजे बजकर कर 2 मिनट तक रहेगी। महाशिवरात्रि का निशीथ काल 11 मार्च को रात 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।

शिवपुराण के अनुसार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा जाता है। दरअसल महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं। महाशिवरात्रि के दिन शुभ काल के दौरान ही महादेव और पार्वती की पूजा की जानी चाहिए तभी इसका फल मिलता है। इस दिन का प्रत्येक घड़ी-पहर परम शुभ रहता है। कुवांरी कन्याओं को इस दिन व्रत करने से मनोनुकूल पति की प्राप्ति होती है और विवाहित स्त्रियों का वैधव्य दोष भी नष्ट हो जाता है।

शिव पूजा से निम्न दोषों से मिल सकती है मुक्ति

महाशिवरात्रि में शिवलिंग की पूजा करने से जन्मकुंडली के नवग्रह दोष तो शांत होते हैं विशेष करके चंद्र्जनित दोष जैसे मानसिक अशान्ति, माँ के सुख और स्वास्थ्य में कमी, मित्रों से संबंध, मकान-वाहन के सुख में विलम्ब, हृदयरोग, नेत्र विकार, चर्म-कुष्ट रोग, नजला-जुकाम, स्वांस रोग, कफ-निमोनिया संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है और समाज में मान प्रतिष्ठा बढती है। शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से व्यापार में उन्नति और सामाजिक प्रतिष्ठा बढती है। 

कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि भांग अर्पण से घर की अशांति, प्रेत बाधा तथा चिंता दूर होती है। मंदार पुष्प से नेत्र और ह्रदय विकार दूर रहते हैं। शिवलिंग पर धतूर के पुष्प-फल चढ़ाने से दवाओं के रिएक्शन तथा विषैले जीवों से खतरा समाप्त हो जाता है। शमीपत्र चढ़ाने से शनि की शाढ़ेसाती, मारकेश तथा अशुभ ग्रह-गोचर से हानि नहीं होती। 

इस बार की महाशिवरात्रि बेहद खास है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की सच्‍चे मन से आराधना करने पर जीवन के सारे कष्‍ट दूर हो जाते हैं। भगवान शंकर भक्‍त की हर इच्‍छा पूरी करते हैं। इस साल 11 मार्च को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। राजधानी रांची के पहाड़ी मंदिर विकास समिति की बैठक सोमवार को हुई। बैठक के बाद मंदिर समिति के सचिव अभिषेक आनंद ने बताया कि महाशिवरात्रि और मंदिर की व्यवस्था को दूरूस्त करने पर विशेष चर्चा की गयी।

इसमें तय किया गया कि भक्तों की उत्साह को देखते हुए महाशिवरात्रि पर सरकारी पूजा के बाद सुबह 4.30 बजे पहाड़ी बाबा के द्वारा आम भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। मंदिर परिसर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सभी मंदिर में अरघा सिस्टम लगाया जाएगा। साथ ही, समिति के द्वारा बाबा पर जल अर्पण के लिए दो हजार लोटा जल क्रय किया जाएगा। इसके अतिरिक्त मंदिर में विशेष साज सज्जा, टेंट, कुर्सी, टेबल, बैरेकेटिंग, खोया-पाया एवं अन्य सूचना के लिए साउंड बाक्स आदि का इंतजाम किया जाएगा।

महाशिवरात्रि पर किसी दुर्घटना को देखते हुए बचाव के सारे इंतजाम किए जाएगें। इसके साथ ही इस अवसर पर 24 घंटे विशेष बिजली की भी व्यवस्था मंदिर समिति के द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। पर्व पर मंदिर में सुरक्षा की दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरा भी लगाया जाएगा। साथ ही मंदिर में इनवर्टर, जल पाइपलाइन सहित अन्य सुविधाओं की मरम्मत भी की जाएगी। इसके अतिरिक्त सभी व्यवस्था को दुरूस्त किया जाएगा।

शिवरात्रि पर नहीं निकलेगा जुलूस, पहाड़ी मंदिर के भव्य मंच पर संपन्न होगा शिव विवाह

17 वर्षों में पहली बार शिवरात्रि पर पहाड़ी मंदिर से जुलूस नहीं निकलेगी। कोरोना संक्रमण के कारण जुलूस निकालने की अनुमति नहीं मिली। शिव विवाह का पूरा कार्यक्रम पहाड़ी मंदिर के समीप ही संपन्न होगा। मंदिर के मुख्य गेट के सामने भव्य मंच बनेगा। भजन कीर्तन के बीच इसी मंच पर महादेव और पार्वती का शुभ विवाहोत्सव संपन्न होगा।

11 मार्च को मुख्यमंत्री करेंगे शिव विवाह आयोजन का उद्घाटन, रात नौ बजे जयमाला

कार्यक्रम का उद्घाटन दोपहर तीन बजे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे। रात नौ बजे जयमाला की रस्म पूरी होगी। देर रात वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महादेव संग मां पार्वती का विवाह संपन्न होगा। इसका निर्णय मंगलवार को हरमू रोड में अध्यक्ष राजेश साहू की अध्यक्षता में लिया गया। बैठक में मुख्यरूप से दीपक ओझा, रमन शर्मा, दीपक नंदा, राजकुमार तनेजा, बादल सिंह, लल्लू सिंह, संजय कुमार, सुभाष सिन्हा, राजीव पांडेय, शिव किशोर शर्मा आदि उपस्थित थे।

महाआरती होगी खास, आम व खास बनेंगे शिव विवाह के बारात

शिव बारात आयोजन समिति के अध्यक्ष राजेश साहू ने बताया कि सभी कार्यक्रम पूर्ववत होगा सिर्फ जुलूस नहीं निकलेगा। मंच पर महादेव, पार्वती, कृष्ण-राधा की सजीव झांकियां सजायी जाएगी। भव्य महाआरती अनुष्ठान का आकर्षण का केंद्र होगा। बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाआरती में शामिल होंगे। इसके बाद भजन संध्या का आयोजन होगा। मंच से ही भजन कलाकार भक्तिगीतों की गंगा बहायेंगे। रात में आम और खास भगवान शिव-पार्वती के विवाह का गवाह बनेंगे। भंडारा का आयोजन किया जाएगा। वहीं, मंच के समीप पर्याप्त जगह होगी ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन में किसी प्रकार की भीड़ न लगे।

पहली बार ठेला पर निकाली गई थी जुलूस

रांची में शिवरात्रि पर जुलूस 2004 से निकाली जा रही है। शिव बारात आयोजन समिति के अध्यक्ष राजेश गुप्ता के अनुसार देवघर के तर्ज पर राजधानी में जुलूस निकालना आरंभ किया गया था। चार-पांच लोगों का मुख्य सहयोग रहा। पहली बार ठेला और रिक्सा पर झांकियां सजा कर जुलूस निकाली गई थी। धीरे-धीरे आयोजन वृहत रूप लेता गया।

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