एकांतवास से बाहर आए प्रभु जगन्नाथ, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु

नेत्रदान अनुष्ठान के उपरांत भगवान जगन्नाथ का एंकातवास समाप्त हुआ।

By Edited By: Publish:Thu, 04 Jul 2019 04:35 AM (IST) Updated:Thu, 04 Jul 2019 09:59 AM (IST)
एकांतवास से बाहर आए प्रभु जगन्नाथ, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
एकांतवास से बाहर आए प्रभु जगन्नाथ, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
जागरण संवाददाता, रांची : नेत्रदान अनुष्ठान के उपरांत भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलराम व बहन सुभद्रा के साथ बुधवार को 15 दिनों के एकांतवास से बाहर आए। शाम पांच बजे विधि-विधान पूर्वक भगवान के विग्रहों को गर्भ गृह से दर्शन मंडप लाया गया। वैदिक मंत्रोच्चारण व जय जगन्नाथ के जयघोष के बीच भक्तों ने प्रभु का भव्य स्वागत किया। प्रभु की एक झलक पाने के लिए भक्त व्यग्र दिखे। मंगलगान के बीच 108 की आरती उतारी गई। विष्णु सहस्त्रनामार्चना के बाद मालपुआ का भोग लगाया गया। मंदिर के मुख्य पुजारी ब्रजभूषण नाथ मिश्र ने प्रथम पूजा संपन्न कराई। इसके बाद आम भक्तों का दर्शन सुलभ हो गया। भक्तों ने कतारबद्ध होकर प्रभु का दर्शन कर मंगलमय जीवन की कामना की। रात नौ बजे तक प्रभु के दर्शन को मंदिर में भीड़ लगी रही। रात्रि अराधना के बाद भोग लगाकर भगवान को शयन के लिए वापस गर्भ गृह ले जाया गया। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जगन्नाथ के जयकारे से गुंजायमान रहा। बीच-बीच में पारंपरिक वाद्य यंत्र की धुन गूंजते रहे। पूजा के उपरांत भक्तों के बीच भोग प्रसाद बांटे गए। --- जन साधारण के बीच आयेंगे प्रभु, करेंगे सुख-समृद्धि की बारिश आज धूमधाम से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाएगी। प्रभु अपने भाई बहन के बीच जन साधारण के बीच आएंगे। भक्तों के बीच सुख-समृद्धि का आशीष लुटाएंगे। आज सुबह पांच बजे मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। दोपहर दो बजे तक मंदिर में भगवान का दर्शन होगा। इसके बाद रथयात्रा की तैयारी शुरू हो जाएगी। दोपहर तीन बजे तक भगवान को रथारूढ़ कराया जाएगा। रथयात्रा पूर्व पूजन के उपरांत शाम छह बजे भगवान का रथ मौसीबाड़ी के लिए प्रस्थान करेगा। हजारों लोग रथ की डोर खींचेंगे। शाम सात बजे प्रभु का रथ मौसीबाड़ी पहुंचेगा। वहां भगवान का भव्य स्वागत किया जाएगा। संध्या में महाआरती होगी। स्वादिष्ट व्यंजनों का भोग समर्पित किया जाएगा। 12 जुलाई को घुरती रथ यात्रा के दिन भगवान अपने धाम लौटेंगे। -- महिला-पुरुष के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार नेत्रदान अनुष्ठान के दौरान संभावित भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मंदिर जाने के दो मार्ग बनाये गए थे। महिला के लिए अलग और पुरुष के लिए अलग प्रवेश द्वारा बनाये गए थे। जिला बल के अलावा मंदिर समिति और अन्य समाजिक संगठनों के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व्यवस्था संभालने में जुटे रहे। मेले में सजने लगीं दुकानें जगनन्नाथ मेले में मिठाई, ढोल, मांदर, नगाड़ा, तलवार आदि की दुकानें लग गई हैं। मेला पूरी तरह लग गया है। साथ ही मेले में झूले लग गए हैं। मेले में मौत का कुआं सबसे आकर्षण का केंद्र होता है।
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