पेट्रोल-डीजल पर टैक्स आधा करे सरकार : हेमंत

रांची : नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। पार्टी महासचिव विनोद पांडेय

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Oct 2017 01:29 AM (IST) Updated:Fri, 06 Oct 2017 01:29 AM (IST)
पेट्रोल-डीजल पर टैक्स आधा करे सरकार : हेमंत
पेट्रोल-डीजल पर टैक्स आधा करे सरकार : हेमंत

रांची : नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। पार्टी महासचिव विनोद पांडेय के साथ अपने आवास पर मीडिया से मुखातिब हेमंत ने चेतावनी दी है कि राज्य सरकार तत्काल पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला टैक्स पचास प्रतिशत तक घटाए। ऐसा करने से लोगों को राहत मिलेगी और पेट्रोल-डीजल की कीमत में पांच से छह रुपए की कमी आएगी। उन्होंने इस बाबत राज्यव्यापी धरना-प्रदर्शन कर दबाव बनाने की भी रणनीति बनाई है। अल्टीमेटम देते हुए उन्होंने कहा है कि अगर 30 अक्टूबर तक राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया तो झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्यव्यापी बंद का आह्वान करेगा।

उन्होंने कहा कि आज एक लीटर पेट्रोल पर 35 से 40 रुपए बतौर टैक्स राज्य सरकार वसूल रही है। डीजल की भी कमोवेश यही स्थिति है। नवंबर 2014 में पेट्रोल में केंद्रीय उत्पाद शुल्क 9.20 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 3.46 रुपए प्रति लीटर था। अगस्त 2017 में यह बढ़कर 21.48 रुपए प्रति लीटर तथा डीजल पर 17.33 रुपए प्रति लीटर हो गया। इस टैक्स की वजह से 6.6 लाख करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने जमा किए जो जनता की गाढ़ी कमाई के थे। गरीब हितैषी का मुखौटा पहन केंद्र सरकार लगातार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा रही है। झारखंड सरकार पेट्रोल-डीजल पर 22 प्रतिशत की दर से टैक्स और एक रुपया प्रति लीटर सेस वसूल रही है। इस दर से राज्य सरकार लोगों से 2500 करोड़ रुपए वसूल रही है। झारखंड में वसूला जा रहा टैक्स पड़ोसी राज्य ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल से ज्यादा है। उन्होंने पेट्रोल-डीजल को भी जीएसटी के दायरे में वकालत की लेकिन जीएसटी को बगैर मुकम्मल तैयारी के लागू करने को गलत बताया।

विदेश दौरे को बताया फिजूलखर्ची

नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रस्तावित जापान और चेक गणराज्य के दौरे को भी अनावश्यक बताया। कहा, सरकार फिजूलखर्ची कर रही है। अभी तक एक पैसा का निवेश नहीं हुआ है लेकिन मुख्यमंत्री अधिकारियों संग सैर-सपाटे में लगे हैं। महंगे और बड़े आयोजनों में हजारों करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। सरकार को पिछले तीन साल में प्रचार, महंगे आयोजनों, विदेश यात्राओं का हिसाब-किताब जनता को देना चाहिए। सरकार इसपर श्वेतपत्र जारी करे।

शिलान्यास-उदघाटन की सरकार

नेता प्रतिपक्ष ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सिर्फ शिलान्यास और उद्घाटन का खेल चल रहा है। सरकार को इसका भी हिसाब देना चाहिए कि सिर्फ दिखावे के लिए किए जाने वाले कार्यक्रमों का मंच तैयार करने में कितने पैसे खर्च हुए। सरकार गरीबों को मारो-अमीरों को बसाओ फार्मूले पर चल रही है। किसान और व्यापारी आत्महत्या कर रहे हैं।

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