खलारी में भू-धंसान, घर के फर्श में बना सुराग

खलारी की विश्रामपुर पंचायत अंतर्गत जामुनदोहर बस्ती स्थित काजू तूरी के घर के फर्श पर सुराग हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 08:30 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 08:30 PM (IST)
खलारी में भू-धंसान, घर के फर्श में बना सुराग
खलारी में भू-धंसान, घर के फर्श में बना सुराग

खलारी : खलारी की विश्रामपुर पंचायत अंतर्गत जामुनदोहर बस्ती स्थित काजू तूरी के घर के फर्श पर अचानक एक बड़ा सुराग बन गया। घटना रविवार दोपहर की है। सुराग वाली जगह से कोई गैस निकल रही है, जिसे वहा के लोग महसूस कर रहे हैं। यह एक छोटा भू-धंसान ही है। जिस जगह यह बस्ती बसी हुई है उसके नीचे कोयले की भूमिगत खदान चलाई जा चुका है। आशंका जताई जा रही है कि जमीन के अंदर जल रहे कोयले की गैस ही सुराग से बाहर निकल रही है। यह कार्बन डायऑक्साइड या कार्बन मोनोक्साइड हो सकती है। सुराग होने से घर में रहने वाला परिवार भयभीत है। इधर, घटना की सूचना मिलने पर प्रखंड प्रमुख सोनी तिग्गा तथा जिला परिषद सदस्य रतिया गंझू जामुन दोहर पहुंचकर ग्रामीणों से जानकारी ली। दोनों ने कहा कि अप्रैल 2020 में भी इस बस्ती में भू-धंसान हुआ था। लेकिन सीसीएल प्रबंधन ने संभावित दुर्घटना को रोकने के लिए पहल नहीं की। रतिया गंझू ने माग की है कि प्रबंधन जल्द से जल्द बस्ती के लोगों को अन्यत्र पुनर्वासित करें।

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पहले भी हो चुका है भू-धंसान

विश्रामपुर में पहले भी कई बार भू-धंसान की घटना हो चुकी है। दरअसल विश्रामपुर के एक बड़े हिस्से के नीचे भूमिगत कोयला खदान चलाई गई थी। कुछ भूमिगत खदान तो कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण से पूर्व ही बंद हो गए थे। जबकि जेहलीटाड़ के निकट का खदान तीस साल पहले तक सीसीएल के अधीन भी चलाई गई। बंद खदान के ऊपर ही वैध-अवैध तरीके से दर्जनों घर बना लिए गए। जमीन का उपरी भाग वनभूमि है, जबकि अंदर से कोयला निकाला जा चुका है। बंद खदान में पहले पानी भरा हुआ था। लेकिन, केडीएच खुली खदान को इस भूमिगत खदान की ओर मोड़ दिया गया। इसके बाद भूमिगत खदान के अंदर का पानी बाहर निकल गया। खदान का कोयला हवा के संपर्क में आया और कई जगह अंदर तेज आग धधक रही है। इसी कारण भू-धंसान की घटनाएं हो रही हैं। रविवार दोपहर हुई घटना से बस्ती के लोग डरे हुए हैं।

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